कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

Feminist Poem
वो लड़कियां जो बैक बेंचर्स होती हैं ना…

यकीन मानो, वही लड़कियां, एक दिन नाम कमाकर, दुरुस्त करती हैं समाज की वे सारी अव्यवस्थाएं, जो झेली थीं उन्होंने कभी, चुपचाप रहकर!

टिप्पणी देखें ( 0 )
जब अपनी कहानी मैं खुद कहने लगी, तो तुम कहते हो मैं स्त्रीवादी हूँ?

इतिहास गवाह है कि कल से ले कर आज तक, और ना जाने कितने और कल तक, मर्द के लिए औरत बस अपनी जीत का डंका पीटने का एक ज़रिया रही है... 

टिप्पणी देखें ( 0 )
स्त्री को पुरुष की दृष्टि से देखने की यह दीर्घकालिक परम्परा

तुमने उनके पंख छीन बचाया उन्हें उन खतरनाक उड़ानों से जो उन्हें हवा पे बिठा ले जा सकती थीं किसी दूसरी दुनिया में...यह दीर्घकालिक परम्परा!

टिप्पणी देखें ( 1 )
खुद को नई सी लगने लगी हूँ…हाँ, अब मैं बदल गई हूं!

मैं अब पहले की तरह मरती नहीं हूं, जीती हूं मन ही मन, दुनिया की परवाह कर आँसू बहाती नहीं हूं, अब मैं बदल गई हूं...अब मैं बदल गई हूं!

टिप्पणी देखें ( 0 )
चक्रव्यूह : तुम अभिमन्यु नहीं अर्जुन हो इस महाभारत की

औरत का पूरा जीवन एक युद्ध ही है, और इसमें रचा है एक चक्रव्यूह, जिसमें धकेलते तो उसे सब हैं, लेकिन बाहर निकलने का रास्ता उसे कोई नहीं बताता। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
तू नारी है फुलकारी है, शोषण के खिलाफ एक चिंगारी है

तू फूल है, तू आग तो है शोला भी है, शोषण के खिलाफ चिंगारी है, तू सब की पायेदारी है, धरती हो या आकाश कहीं, तेरे ही लिए सरदारी है।

टिप्पणी देखें ( 4 )
post_tag
feminist-poem
और पढ़ें !

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories