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ये शबनम से भी ज़्यादा उसके 12 साल के बेटे ताज की कहानी है। वह चाहता है कि देश का कानून उसकी मां को जीवनदान दे।
कल झाँसी में हुए बीकेडी गोलीकाण्ड ने मुझे गंभीर रूप से परेशान किया और मैं इन बातों पर विचार करने पर मजबूर हो गया...
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है। शबनम ने इस घटना को साल 2008 अप्रैल महीने में अंजाम दिया था।
रमानी-अकबर केस में आज कोर्ट का यह फ़ैसला औरतों के लिए एक उम्मीद है कि उनकी आवाज़ व्यर्थ नहीं जा रही, बदलता समाज उनकी आवाज़ सुन सकता है।
मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति को महिला के कंधे पर पर बैठाकर उसके साथ मारपीट करते हुए एक गांव से दूसरे गांव तक तीन किलोमीटर ले जाया गया।
यदि पुलिस किसी को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करती है तो यह सीआरपीसी का उल्लंघन है क्यूँकि महिलाओं की गिरफ़्तारी के विशेष नियम हैं।
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