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मां ने बताया कि अमन के घर वालों ने ऑफिस के पास एक बड़ा फ्लैट देख कर रखा है, ताकि शादी के बाद नेहा और अमन को ऑफिस आने-जाने में सुविधा हो।
दहेज प्रथा को बढ़ावा देते हुए, पत्नी के परिवार से ऐंठी हुई धनराशि और संपत्ति पर इतराने की बजाय पति और उसके परिवार वालों को शर्म आनी चाहिए।
"हाँ, ये पैसे हम जिया के नाम से फिक्स कर देंगे, ताकि कल को जब उसके ससुराल वाले हमसे अपनी बहू का हिस्सा मांगे तो हम भी दे पायें।"
माँ-बाप अपनी बेटी की खुशियों की दुहाई देते हुए उसे पैसे से तोलने की कोशिश करना नहीं छोड़ते और लालची लोग इस मौके का फ़ायदा उठाना बंद नहीं करते।
कह लो उसको चाहे उपहार या फिर कह लो दहेज, मत करो जेब ख़ाली सच यही है, मत करो ख्वाहिशें पूरी इसकी, बिन पैसे कैसे ब्याही जाएगी।
तभी प्रिया ने देखा ननद के हाथ में 'क्या-क्या नहीं मिला' उसकी एक पूरी लिस्ट है। प्रिया को यह सब देख कर, गुस्सा तो बहुत आ रहा था।
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