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Shalini Pandey

Voice of Shalini Pandey

उसके दिल का दर्द आज कौन समझ सकता था…

नायरा की इच्छा थी कि वह ससुराल जाने से पहले अपने मां-पापा के साथ ढेर सारा समय बिताये, पर उसके माता पिता के पास इतना वक्त कहां था।

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सासू मां, तारीफ नहीं तो झूठी बुराई भी नहीं…

दूसरी बार सास बेटे-बहू के पास खुद आईं, आने के पहले अंकुश को फोन करके बोली, तबीयत भी अच्छी नहीं है, और तुम लोगों से मिलने का भी मन हो रहा है।

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तुम आराम कर लो, बाकी काम मैं कर लूंगी…

रात में ही जेठानी जब कमरे में छोड़ने आई थी, तभी कह गई थी कि कल सुबह रसोई की रस्म है। सुबह जल्दी उठकर तैयार हो जाना।

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पल भर के हौसले ने मेरी ज़िंदगी बदल दी…

तभी राकेश अंकल पीछे से कब आये, उसे पता भी नहीं चला। वह रिया के पीठ पर हाथ से सहलाते हुए बोले, "अरे मैं तो हल्दी निकालना भूल ही गया था।"

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बहू, मुझे तेरी वाली साड़ी चाहिए…

"अगली बार मैं आपके लिए बिल्कुल अपनी तरह ही साड़ी लाऊंगी। मम्मी जी, तब तो आपको पसंद आएगी ना?" यह बात शिप्रा ने मुस्कुराते हुए कही।

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काश! हम ना मिलते दोबारा…

पहला प्यार एक खूबसूरत एहसास होता है जिसे वह चाह कर भी भूल नहीं सकता, वह दिल के एक कोने में हमेशा साथ रहता है।

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क्या बहू बुढ़ापे में हमारी सेवा करेगी?

रोहन के पिता ने नाराज होते हुए कहा, “तुम समझती नहीं हो, शहर की लड़की है, ऊपर से नौकरी भी करती है, वह बुढ़ापे में हमारी सेवा कभी नहीं करेंगी।”

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मैंने अपनी बेटी का नाम पहले ही सोच लिया था…

हर महीने उम्मीद और ना उम्मीद के बीच नैना झूल रही थी। कभी टूट जाती तो फिर ईश्वर के प्रति विश्वास से एक बार फिर से उठ कर खड़ी हो जाती थी।

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तुम्हारे मम्मी पापा ने तो कुछ दिया ही नहीं…

तभी प्रिया ने देखा ननद के हाथ में 'क्या-क्या नहीं मिला' उसकी एक पूरी लिस्ट है। प्रिया को यह सब देख कर, गुस्सा तो बहुत आ रहा था।

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क्या दीदी ने जीजाजी को डंडे मार कर भगा दिया?

"यह मेरा घर है, मैं यही रहूंगी, कहीं नहीं जाऊंगी, समझी? तुम्हारे जीजा जी को भगा दूंगी, नहीं जाएंगे तो डंडे मार के भगाऊंगी।"

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तुम मेरे मम्मी-पापा को अपना क्यों नहीं मानते हो? 

"तुम परेशान ना हो, पर पहले मम्मी-पापा से तो पूछ लो और तुम्हें तो पता है ना कि आज बड़ी दीदी और जीजा जी पूरे परिवार के साथ आने वाले हैं?"

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अपनी बेटी के लिए मैं अकेली ही काफी हूँ…

मीरा का आत्मसम्मान तो शादी के कुछ महीनों बाद से ही छलनी होने लगा था पर वह अपनी बेटी के भविष्य लिए इतना सब कुछ बर्दाश्त कर रही थी।

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और वह आज़ाद हो गई…

गौरी ने अपनी बेटी को कभी अपना दर्द ना बताया था, क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि बेटी की खुशियों में मां के दर्द का साया भी पडे़।

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अपनी पत्नी को मारने का हक़ तुम्हें किसने दिया…

रात को जब रागिनी कमरे के नज़दीक गई, तो उसे अपनी भाभी के रोने की और भाई के भाभी को गालियां देने की आवाज़ आ रही थी।

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भाभी काश मैं आपको गलत ना समझती…

घर वालों के रोशनी को इतना सपोर्ट करने से रिया के दिल में अपनी भाभी के लिए नफरत बढ़ती जा रही थी। लेकिन उसकी सब बातें गलत साबित होतीं।

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