कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

Swati Kanojia

Dreamer , creative , luv colours of life , Teacher , love adventure, singer , Dancer , P☺️

Voice of Swati Kanojia

ज़माने भर के सामने वो तेरा ग़ैर हो जाना…

विरह वेदना की लड़ियों में अपनी आत्मा की संतुष्टि का मिल पाना मुश्किल है, यह ज़रूरी नहीं कि  जिसको हम चाहते हैं, हमको वो मिल जाए...

टिप्पणी देखें ( 0 )
आज फिर से बचपन बहुत याद आया

कभी जब आपने ख़ुद को तन्हा पाया, क्या आपको भी बचपन तब याद आया, बचपन के झगड़ों में बीता, भाई बहन का साथ याद आया, क्या आपको भी बचपन फिर याद आया!

टिप्पणी देखें ( 0 )
बिना जाने समझे किसी के चरित्र का हनन करना कितना उचित है?

आज समाज चाहे कितना भी आगे बढ़ रहा हो, पर लोगों की सोच में मझे विशेष परिवर्तन देखने को नहीं मिलते। अफ़सोस की बात है कि महिलाएं ही महिलाओं को नहीं बख्शतीं।

टिप्पणी देखें ( 0 )
सच है ज़िंदगी किसी सपने जैसी ही है, यहाँ कब क्या होगा हमें पता ही नहीं कहती हैं स्वाति

विमेंस वेब की लेखिका स्वाति कहती हैं, "मैं चाहती हूँ कि कोई भी उन स्थितयों से न गुज़रे जिनसे हम गुज़र चुके हैं और ज़िंदगी की इस लड़ाई में वो ख़ुद को अकेला न पायें।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
चाहे कुछ भी हो, मैं हार नहीं मानूंगी!

इस लड़ाई को लड़ते-लड़ते न ही वो कमज़ोर पड़ेगी, न ही कभी हार मानेगी बल्कि योद्धा की तरह इन चक्रव्यूहों को भेदकर इस लड़ाई पर जीत हासिल करेगी।

टिप्पणी देखें ( 0 )
मेरे पहले एकल सफ़र ने सिखाया कि अगर हम ख़ुद के साथ हैं तो हमें किसी की भी ज़रूरत नहीं

माना ज़िंदगी तेरे इम्तिहान हज़ार हैं पर इन इम्तिहानों में भी ज़िंदगी गुलज़ार है, तू अपने इम्तिहानों का सिलसिला जारी रख, नए हौंसलों के साथ हम भी तैयार हैं। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
अब सिर्फ नारी! क्यों कहूँ मैं ख़ुद को अबला

तुम क्या जानोगे हमको, जितना हमने ख़ुद को जाना है, सूरत से दिखते हैं जो, बस उतना ही पहचाना है? अब सिर्फ नारी! क्यों कहूँ मैं ख़ुद को अबला

टिप्पणी देखें ( 0 )
साथ समय के चल रही हूँ, ऐ ज़िंदगी तेरी कहानी मैं ख़ुद ही लिख रही हूँ

टूट गयी जो गुड़िया वक़्त के आघात से, उसको फिर से गढ़कर नयी सी कर रही हूँ, समय को बदलकरसाथ समय के चल रही हूँ, ऐ ज़िंदगी तेरी कहानी मैं ख़ुद ही लिख रही हूँ। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
माना के हम नारी हैं पर हिम्मत कभी न हारी है!

हमसे जन्म लेने वाले, हमको कमज़ोर समझते हैं, हाय कितने नादाँ हैं ये, क्या ख़ाक नारी को समझते हैं। माना के हम नारी हैं पर हिम्मत कभी न हारी है!

टिप्पणी देखें ( 0 )

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories