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उस औरत ने किसी भी तरह का साज श्रृंगार नहीं किया हुआ था। फिर भी वह सभी को आकर्षित कर रही थी। 10 बच्चे और अकेली वह...?
गर्मी -सर्दी की छुट्टियां अपार बच्चों की ननिहाल को मनुहार सब कुछ तो होगा पर माँ! तुम नहीं होगी...........
उस माहौल में अगर कोई सबसे ख़ुश था तो वो रोहित और निर्मला थे। आज रोहित के दिल का बोझ हल्का हो गया था, बरसों पुराना उद्देश्य पूरा हो गया था।
छह गज की साड़ी में मायके की इज्ज़त लिए,आंखों में बिना कोई सपना पाले नए जीवन का,चल दी ससुराल की ओर एक नए घर को संवारने।
दाल-चावल, रोटी-सब्जी इत्यादि बना लेती हूँ। यहाँ हम ये खाना नहीं खाते और हाँ आपके पति देव को भी आपका गरीबों वाला खाना नहीं पसंद।
अब हम सोशल एनिमल नहीं, मोबाइल इंसेक्ट बन रहे हैं, जो धीरे-धीरे बीत रहा है हम वो टाइम वेस्ट बन रहे हैं, कितने हार्ट और लाइक मिले...
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