कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

manju singh

साहित्य समाज का दर्पण है यह मेरी मान्यता है। एक लेखक का समाज के प्रति उत्तरदायित्व होता है और उसका यही प्रयास होना चाहिए कि उसके लेखन से किसी के द्वारा कुछ सीखा जा सके। इसी कारण हमेशा सार्थक रचना करने का प्रयास करती हूं।

Voice of manju singh

मैं शादी नहीं करना चाहती क्यूंकि…

मुझे आशा है कि आप मेरे अब तक अविवाहित रहने के कारण पढ़कर मुझे विवाह ना करने के लिए क्षमा कर देंगे। यदि आपके पास इसका समाधान हो तो अवश्य बताइए?

टिप्पणी देखें ( 0 )
माँ, क्या सच में रानी बेटी राज करेगी?

नंदिनी तो केवल अपनी इच्छा जाहिर कर रही थी। लता भी अब सोच रही थी कि क्या उसका फैसला सह था, क्या वास्तव में उसकी बेटी राज कर रही है?

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम घर पर रहती हो, तुम्हें पैसों की क्या ज़रुरत है…

कुमुद को जब खाना कपड़ा मिल रहा है और मायके जाने का किराया मिल रहा है तब उन्हें एक रुपए की भी आवश्यकता क्यों है, यह पुरुष नहीं समझते थे।

टिप्पणी देखें ( 0 )
मेरी बेटी की एक गलती उसकी ज़िंदगी खराब नहीं कर सकती…

उस लड़के की पहली पत्नी आग लगाकर मर गई थी और एक छोटा बच्चा भी था। वे लोग इतने रसूख वाले आदमी थे कि लड़की वाले उन पर मुकदमा तक नहीं चला सके।

टिप्पणी देखें ( 0 )
प्रॉपर्टी में हिस्सा लेना था तो इतना दहेज क्यों लिया?

यह सुनते ही रुचि का शर्म के मारे बुरा हाल हो गया और भाइयों के चेहरे तन गए। भाभियों की आंखों में तिरस्कार और व्यंग्य का भाव आ गया। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
मेरे इस घर को खुशियों से भरे रखना…

मनमोहन जी और उनकी पत्नी घर और अंशु में बदलाव देखकर चौंक गए। अपनी बेटी का कान खींच कर प्यार से बोले, "इतना पैसा क्यों खर्च किया?"

टिप्पणी देखें ( 0 )
माँ, ऐसे तो बच्चा बिगड़ जाएगा…

आशु सबके बीच में आया और अपनी माँ का नाम लेकर बोला, "निधि अभी देखना दादी तुम्हें कैसे पीटती है, तब तुम्हें समझ में आएगा कि आशु भूखा है।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम सिर्फ मेरे बच्चों की माँ हो और कुछ नहीं…

 कुछ बोलने का मतलब था अपनी बेइज्जती कराना। मुझे समझ में आया कि मुझे सजे संवरे रहना है, सब की आज्ञा का पालन करना है, दिमाग का प्रयोग नहीं...

टिप्पणी देखें ( 0 )
घर का काम सिर्फ बड़ी बहू की ज़िम्मेदारी नहीं…

अपनी बेटी विनीता से उन्होंने कहा, "तुम जब चाहो तब मायके आ सकती हो, लेकिन मेहमान बनकर नहीं घर की सदस्य बनकर यहां रह सकती हो।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
जो माँ के साथ हुआ, वो तुम मत करना…

क्यूंकि सुभाषिनी को गोद नहीं लिया गया था, इससे उसे कोई कानूनी अधिकार नहीं मिले। बस रचना ने उस का एडमिशन एक बहुत नामी स्कूल में करा दिया।

टिप्पणी देखें ( 0 )
आज से मैं खुद को तुम्हारी पत्नी नहीं मानती…

बात बात पर गुस्सा करने वाले और उसी गुस्से की वजह से दीवार पर अपना सिर पटकने वाले पति सुरेश के साथ उसकी जिंदगी मुश्किल के साथ ही कटेगी।

टिप्पणी देखें ( 0 )
माँ, आपने बनारसी साड़ी क्यों पहन रखी है?

“मम्मी यह क्या पहना है? गर्मी के मौसम में शादी हो रही है और आप इतनी भारी बनारसी साड़ी पहन कर आई हैं? चंदेरी, शिफॉन पहन लिया होता।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
ससुराल में बहु के कर्तव्य होते हैं लेकिन अधिकार नहीं…

बीना को बहुत बुरा लगा और वह सोचने लगी कि दोनों बच्चों की डिलीवरी के समय वह मायके में ही रही और मम्मी पापा ने सारा खर्चा उठाया तब...

टिप्पणी देखें ( 0 )
सिर्फ भाभी ही नहीं, मैं भी कमाल की हूँ…

बच्चे अगर देर से सोकर उठते तो अनिला का यही कहना होता, "कावेरी भाभी ने अब तक सब को उठा कर नाश्ता भी करा दिया होगा।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
माँ, काश तुम मुझे समझ पातीं…

धीरे-धीरे बिंदु ने अकेले बड़बड़ाना सीख लिया। जितना गुस्सा होता था वह अकेले कमरे में बोलकर निकालती थी और ऐसे ही वो बड़ी हो गयी...

टिप्पणी देखें ( 0 )
ये घर सिर्फ उनका नहीं तुम्हारा भी है…

यदि उसे ससुराल की आवश्यकता है तो पति और सास को भी तो उसकी आवश्यकता है। उसके बिना भला घर का काम कैसे चलेगा?

टिप्पणी देखें ( 0 )
और उसने परफ्यूम के साथ-साथ समय को भी सूंघना सीख लिया…

वह परफ्यूम की इतनी शौकीन रही है कि बहुत कीमती तथा आसानी से ना मिलने वाली सुगंध खरीद खरीद कर जमा करती रही।

टिप्पणी देखें ( 0 )
आज मेरा समय नहीं है शायद इसीलिए मैं नाराज़ थी

हेवी सिल्क, शिफॉन और चंदेरी साड़ियाँ उसने उन्हें दी थीं लेकिन वे कभी फटी जींस में और कभी अन्य आधुनिक पोशाकों में ही नजर आती थीं।

टिप्पणी देखें ( 0 )

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories