कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

Khushi Kishore

Freelance writer.

Voice of Khushi Kishore

अब मैं आपकी बहु नहीं बेटी बन कर रहूंगी…और आगे वही हुआ…

मैं इस घर को अपना नहीं समझती हूँ? शिवानी मन ही मन एक निश्चय कर चुकी थी।  बस बहुत हुआ, अब वो इस घर की बहु नहीं बेटी बन कर रहेगी...

टिप्पणी देखें ( 0 )
“काश! ये सपना सच हो जाए…” क्या आप भी ऐसा सोचती हैं?

अमर के लिए चाय, बच्चो के स्कूल टिफिन के लिए, आलू का पराठा, नाश्ते के लिए गरमा गर्म पोहे, बच्चों के लिए सैंडविच, सबके लिए ऑरेंज जूस, और...

टिप्पणी देखें ( 0 )
विदाई से शुरू होता है ससुराल का पहला सफर…

विदाई की रस्म शुरू हुई, सारी रस्में निभाते पिया जी के साथ गठबंधन किए, रोते-रुलाते जा बैठी मैं कार में और शुरू हुआ मेरे मायके से ससुराल का वो पहला सफर...

टिप्पणी देखें ( 0 )
खत्म ना होगी, मुझसे ये कविता!

खत्म ना होगी, मुझसे ये कविता...आखिरी बात बता दूं सबको, मैं जब बनी माँ बच्चों की, अचरच में थी मेरी नानी!  बोली, हो गई, कब तू इतनी बड़ी? 

टिप्पणी देखें ( 0 )
वो अधूरी दास्तां…

अनाथालय की सीढ़ियों पर लाल रंग के कपड़े में लिपटी हुई। कौन छोड़ गया? क्यों छोड़ गया? इन प्रश्नों के उत्तर उसे कभी नहीं मिले!

टिप्पणी देखें ( 0 )
पिता के उस पत्र में सिमटा था माँ का सपना

आज अगर पिताजी ने पत्र लिख कर उसे सारी बातों से अवगत नहीं कराया होता, तो वो अपनी मां के सपनों से हमेशा अनजान रहता।

टिप्पणी देखें ( 0 )
आज भी नारी की पहचान सिर्फ अपने नाम से क्यों नहीं हो सकती?

क्या कभी किसी ने, किसी पुरुष से आज तक ये पूछा है, किसका बेटा है वो, किसका पति है? नहीं ना? तो नारी की पहचान पर इतना शोर क्यों?

टिप्पणी देखें ( 0 )
हम तो थे जैसे, हम वैसे रह गए…

पारुल और रोहित, दोनों प्यार के पंछी, घर और नौकरी में उलझे बड़ी मुश्किल से अपने लिए वक्त निकाल पाते थे, फिर वक्त की चाल बदली और....

टिप्पणी देखें ( 0 )

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories