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याद!

आज जब खुद की लाडो को विदा किया, तो आपकी जिम्मेदारियों की समझ आईं, तारों को घंटों बैठे घूर रहीं बेपरवाह सी, इन सितारों में...

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आज जब खुद की लाडो को विदा किया, तो आपकी जिम्मेदारियों की समझ आईं, तारों को घंटों बैठे घूर रहीं बेपरवाह सी, इन सितारों में…

आंखों में आज अचानक से आंसू आए,
मां-बाबा तेरी यादों के ख्याल आए,
सिमट के रह गई यादों के गलियारे में,
मां तेरी आंचल के सितारे याद आए।
बाबा की अंगुलियों की छुअन ना भूली,
कैसे ज़माने से चांद तारे तोड़ लाए।

घर से कैसे दूर कर पाए मुझे ब्याह के,
आज जब खुद की लाडो को विदा किया,
तो आपकी जिम्मेदारियों की समझ आईं,
तारों को घंटों बैठे घूर रहीं बेपरवाह सी,
इन सितारों में जो आप दोनों नज़र आए।

मूल चित्र : Farddin Protik via Pexels

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