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और अचानक मुझे अपना मनचाहा ‘जीवनसाथी’ मिल गया…

अब पिछली बार की बात ही ले लो... ट्रेन में किसी लड़के से हाथापाई कर ली थी। कौन समझाए लड़की का मामला है कहीं ऊंच-नीच हो गई तो?

अब पिछली बार की बात ही ले लो… ट्रेन में किसी लड़के से हाथापाई कर ली थी। कौन समझाए लड़की का मामला है कहीं ऊंच-नीच हो गई तो?

“सिम्मी! तूने तैयारी कर ली ना बच्चे! और टिकट तो कंफर्म है ना? कुछ भूल मत जाना…”, वीना जी अपनी बेटी को समझाते हुए बोले जा रही थीं।

“जी मम्मी! सब कर लिया है, तैयारी है और क्या कर लूं? मुझे बहुत काम है आफिस में। सब खत्म कर लूं तभी तो आ पाऊंगी ना”, अपने बालों में जुड़ा बनाते हुए सिम्मी बोली।

अब घबराहट तो ऐसे मामलों में होती है, मां जो हैं। परसों सिम्मी को देखने लड़के वाले आ रहे हैं। पूरी तैयारियां हो चुकी हैं, बस बेटी का इंतजार है। लड़के वाले पसंद कर लें फिर चट मंगनी पट ब्याह। पर ये लड़की समय पर आ जाए वरना तो हर बार झांसी की रानी बनी रहती है।

अब पिछली बार की बात ही ले लो… ट्रेन में किसी लड़के से हाथापाई कर ली थी। कौन समझाए लड़की का मामला है कहीं ऊंच-नीच हो गई तो? पर लड़की समझे तब ना और जब समझाओ तब बहस, “मैं किसी ऐसे वैसे से शादी नहीं करने वाली…”

“चल सिम्मी! चढ़ जा ट्रेन में जल्दी घर पहुंच वरना मां का पारा हाई होने वाला है।” इधर सिम्मी ट्रेन में पहुंच अपनी बर्थ को ढूंढती आख़िर पहुंच ही गई। चलो आखिरकार समय पर आ गई।

सामने वाली बर्थ पर भी एक नौजवान आकर बैठ गया। सिम्मी ने घूरती हुई नजरों से समझा दिया कि ज़रा दूर रहना।

ट्रेन को चलने में समय था कि लड़का पूछ बैठा, “आप कहां तक जाएँगी?”

उसका पूछना था कि सिम्मी तपाक से बोल पड़ी, “आप आएंगे छोड़ने या ट्रेन से चलूं?”

लड़के को हंसी आ गई। पर वो भी कहां कम था?

“हेलो! मैं नीरज, गुड़गांव में काम करता हूं और आप?”

सिम्मी ना चाहते भी बोली, “मैं दिल्ली में काम करती हूं। फिल्हाल प्रयागराज जा रही हूँ, किसी महाशय से मिलने। आई मीन! अपने घर जा रही है… और आप?”

“मैं भी वहीं जा रहा वैसे तो कानपुर से हूं, पर घर वाले कल ही वहां आ गए थे। किसी लड़की को देखने जा रहा हूं।”

“हां! आप लड़कों का अच्छा है, लड़की को देखो… मोल-भाव करो फिर पसंद आए तो ठीक…वर्ना…”

“एक मिनट मैडम! मैं किसी लड़की को सामान नहीं समझता की वो कोई मोल-भाव की चीज़ होगी। जैसा मैं हूं मेरा आत्मसम्मान है वैसे ही एक लड़की का भी होता है। उसकी भी अपनी भावनाएं होती है। अपने घर को छोड़कर आने वाली किसी साहसी योद्धा से कम नहीं होती। शायद हम मर्द ये करने का जीवन में सोच भी नहीं सकते। एक बच्चे को जन्म देकर इतनी पीड़ा सहने वाली कमजोर तो नहीं हो सकती। आप स्वयं एक महिला हैं खुद को ऐसे कैसे आंक सकतीं हैं?”

“जी, ये मेरे विचार नहीं, ज्यादातर मर्दों के हैं, जो सिर्फ़ महिला को भोग की वस्तु समझते हैं। साथ ही दहेज मिल जाए तो सोने पे सुहागा। फिर पड़ी रहे एक कोने में…कौन पूछने वाला है। यदि ज़बान खोले तो उसे बदतमीजी क़रार दिया जाता है। तो क्या ग़लत हूं मैं, अब आप बताएं? एक पिता ज़िंदगी भर कमाता है, सिर्फ अपनी बेटी को अच्छा ससुराल दिलाने के लिए? पर अंत में होता क्या है…?”

“आप अपनी जगह बिल्कुल सही हैं, पर सभी मर्द ऐसे तो नहीं होते। दुनिया बहुत बड़ी है…जरुरी नहीं जिन्हें आपने देखा वही सही है। खैर बातों-बातों में समय निकल गया और हमारा स्टेशन आ गया। आपसे मिलकर अच्छा लगा…”

स्टेशन तो आ गया पर नीरज की बेबाकी ने सिम्मी को खामोश कर दिया। सिम्मी जैसी बेबाक लड़की को खामोश करना सबके बस की बात नहीं थी।

‘आखिर कौन था ये शक्श? शिट्ट! सिम्मी नाम तो तूने अपना बताया भी नहीं और कितनी बातें हो गईं। ऐसे भी लड़के समाज में होते हैं पता नहीं था।’

सिम्मी के घर आते ही मां ने खुशी से गले लगा लिया।

“आ गई लाडो! पता है तुझे देखने वाले तो कल ही आ गए थे। वो अल्लापुर में कोई रिश्तेदार हैं उनके तो वहीं ठहरे हैं, और आज उनका बेटा भी आ गया होगा। तू भी पार्लर हो आ। फ्रेश होकर और भी निखरी लगेगी।”

सिम्मी को तो मां की बातें सुनाई ही नहीं दे रहीं थीं। वो तो अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी। पता नहीं ये जो कल महाशय मिलेंगे वो कैसे होंगे।

दूसरे दिन सिम्मी और उसकी फैमिली तैयार थी लड़के वालों के स्वागत में। ड्राइंग रूम में सभी बातें कर रहे थे कि सिम्मी को आवाज कुछ जानी पहचानी लगी। जब वो चाय लेकर आई तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।

“अरे! ये तो वही है… नीरज!”

नीरज भी सिम्मी को देखकर मंद-मंद मुस्कुरा रहा था। सभी बड़ों ने तो सिम्मी को देखते ही हां कर दी थी। जब दोनों बच्चों से पूछा गया तो नीरज बोला, “मां, एक बार सिम्मी की राय ले लो। कहीं तलवार लेकर दौड़ ना पड़े।”

फिर‌ नीरज ने ट्रेन का हाल बताया तो सभी हंस पड़े। आखिर में दोनों बच्चों ने भी शादी के लिए हां कर दी। हो भी क्यूं ना सिम्मी को अपने सपनों का जीवनसाथी जो मिल गया था।

इमेज सोर्स: Still from Broken But Beautiful Mashup/Amtee via YouTube  

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