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जॉब के हेक्टिक शेड्यूल के बाद घर की देख-रेख करना मुश्किल लगता है, लेकिन अगर सब सिस्टेमेटिक तरीके से किया जाए तो ये कुछ आसान हो सकता है।
एक महिला होने के नाते जॉब तथा घर दोनों संभालना चुनौतीपूर्ण रहता है। जॉब के हेक्टिक शेड्यूल के बाद घर की देख-रेख करना थोड़ा मुश्किल सा लगता है पर अगर कोई भी कार्य एक सिस्टेमेटिक तरीके से किया जाए तो ये आपके लिए कुछ आसान ज़रूर हो सकता है – जैसे कि उठने का सही समय होना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है सोने का समय। अतः ये बहुत ही आवश्यक है कि यदि आप जॉब और घर, बिना किसी परेशानी के, एक साथ संभालना चाहती हैं तो कुछ टिप्स ध्यान में रखें जिससे आपको ज़्यादा तनावपूर्ण जीवनशैली का सामना न करना पड़े:
ये एक बहुत ही अहम हिस्सा है वर्किंग वूमेंस का। जल्दी उठने का सबसे बड़ा ये फायदा है कि आप टाइम पर सारा काम ख़त्म कर सकती है, और ज़्यादा प्रेशर भी नहीं होगा। अगर आप चाहते हैं कि आप जल्दी उठें तो ये बहुत ही ज़रूरी है कि आप जल्दी सो जाएँ। रात को जल्दी सोने से आपकी नींद भी पूरी होगी और थकान भी खत्म होगी। WHO की रिपोर्ट के अनुसार जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठते हैं, उनमें दिनभर फुर्ती बनी रहती है।
यदि आप सारे काम सुबह ही करेंगी तो कितनी भी जल्दी करें, देरी हो ही जाएगी। तो इसके लिए ये आवश्यक है कि रात में ही सुबह के कई काम पूरा कर लें, जैसे – सब्ज़ी काटकर रखना, सुबह की ड्रेसेस तैयार करना, और भी छोटे-मोटे काम आप रात में करके, अपनी सुबह आसान कर सकती हैं। इससे आप अपने कार्य को आसानी से निपटा लेंगी और नाश्ता करने का भी पर्याप्त समय रहेगा।
अपने बच्चो के लिए एक अनुभवी नैनी रखें। यदि बच्चा बड़ा है, तो उसे किसी अच्छे डे केयर में डालें। ध्यान रहे इनका चुनाव आप अपनी बुद्धिमत्ता से करें। ऐसे हेल्पर न रखें जो आपके काम को बढ़ाए। हमेशा याद रखें, अच्छी नैनी का चुनाव करते समय उसकी शिक्षा और फॅमिली बैकग्राउंड ज़रूर देखें। उसके बारे में हर छोटी-बड़ी बात की जाँच अवश्य करें, यही ध्यान आप डे केयर का चुनाव करते समय करें, जिससे आपको किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
अगर आप अपने बच्चों के लिए नैनी अपॉइंट करते हैं या किसी डे केयर में रखते हैं तो अवश्य ध्यान रखें कि वो आपका बच्चा है, उसको टाइम ज़रूर दें। पूरी तरह से नैनी या डे केयर पर डिपेंडेंट न रहें। उसके साथ खेलें, उसका होमवर्क चेक करें। आपके बच्चों को परायेपन का अहसास न हो, क्यूंकि माँ की जगह कोई और नहीं ले सकता।
दोस्तों, सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि आप अपने ऑफिस के माहौल को अच्छा रखें , दूसरो का सपोर्ट करें ताकि वक्त पड़ने पर वो आपका भी सपोर्ट करें। अपने काम का मैनेजमेंट सही ढंग से करें ताकि आपको कोई भी कन्फ्यूजन न हो।
काम की व्यस्तता के कारण बहुत लोग फॅमिली के लिए टाइम नहीं निकल पाते हैं, ऐसे में वो ये भूल जाते हैं कि फॅमिली उनकी प्राथमिकता है। अतः छुट्टी के दिन फॅमिली के साथ आउटिंग पर अवश्य जाएँ। उनके साथ अच्छा समय बिताने से फॅमिली बॉन्डिंग अच्छी रहती है।
ये सबसे ज़रूरी है वर्किंग वूमेंस के लिए। कई बार ऑफिस और घर के चक्कर में वो खुद को भूल जाती हैं जो गलत है। अपने लिए दिन में लगभग ३० मिनट का समय अवश्य निकालना चाहिए। ध्यान रहे, जब आप खुद को पसंद करेंगी, तभी सब आपको पसंद करेंगे। अपनी ब्यूटी के साथ-साथ अपनी हेल्थ का भी ध्यान रखें।
मूलचित्र : Rawpixel
Shailja is a writer,blogger & a content curator by profession. A editor in collaboration with
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