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Pooja Priyamvada

Pooja Priyamvada is an author, columnist, translator, online content & Social Media consultant, and poet. An awarded bi-lingual blogger she is a trained psychological/mental health first aider, mindfulness & grief facilitator, emotional wellness trainer, reflective listener, a mental health researcher, and suicide prevention activist. She has been associated and published at reputed national & global portals. She has translated A Night in the Hills, a collection of short stories by Manav Kaul published by Westland Books in 2019, and Caregivers' Handbook for Down's Syndrome published by Sangati Foundation in 2021. Her ebooks Mental Health: A Primer and Lessons for Life from Death: Papa & I are available on Amazon Kindle. She has an M.Phil. in English Literature and speaks vociferously about issues of gender, identity, and marginalization at varied international platforms and mediums in English, Hindi and Punjabi. Both her blogs have been awarded several times consecutively at the Orange Flower Awards and she has been associated with Kritya International Poetry Festival BBCHindi, The Mighty, The Financial Express, Rising Kashmir, Mad in Asia Pacific, Yahoo, Livemint, Satyahindi, News18, Newslaundry, Menstrupedia, Tarshi, Women’s Web, Navbharat Times, Feminism In India, ShethePeopleTV, Kavita Kosh, The Armchair Journal, RHIme, Get Intimacy, Evolve Beings, Momspresso, Sheroes, Bonobology, Writersmelon Jansatta and Sadaneera.

Voice of Pooja Priyamvada

हालात चाहे कोई भी हों, बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया अपनानी ज़रूरी है

सुरक्षा इसी में है कि बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया का पालन हो, चाहे बच्चा गोद लेने वाले रिश्तेदार या सौतले माता-पिता ही क्यों न हों।

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ऐसे समय में मदद के लिए जब मैंने इंटरनेट पर अपना नंबर शेयर किया तो…

ऐसे पुरुषों को लगता है कि यदि वो अपनी नग्न तस्वीरें भेजेंगे तो उन्हें भी ऐसी तस्वीरें मिलेंगी, जबकि ये कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।

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भारतीय कानून में किसी भी नागरिक, खासकर महिलाओं की गिरफ़्तारी के ये विशेष नियम हैं

यदि पुलिस किसी को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करती है तो यह सीआरपीसी का उल्लंघन है क्यूँकि महिलाओं की गिरफ़्तारी के विशेष नियम हैं। 

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बजट 2021 में भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य को कोई प्राथमिकता नहीं दी गयी है

हाल में प्रस्तुत भारत बजट 2021 में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च को 137% बढ़ाया गया, लेकिन इसमें मानसिक स्वास्थ्य का हिस्सा नहीं बढ़ा।

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रेणुका शहाणे की फिल्म त्रिभंग ने एक बार फिर इन मुद्दों को चर्चा का विषय बनाया है 

रेणुका शहाणे की फिल्म का शीर्षक ‘त्रिभंग’ नृत्य की एक जटिल भंगिमा से लिया गया है जो एक ऐसी स्त्री अपने लिए प्रयोग करती है जिसके रिश्ते 'आदर्श' से बहुत दूर हैं। 

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कोविड महामारी में विकलांगता के साथ जीना : एक दोहरी चुनौती

कोविड महामारी की वजह से हर कोई परेशान है, तो ऐसे में किसी भी प्रकार की विकलांगता का होना इस चुनौती को और भी गंभीर बना देता है।  

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फिल्म थप्पड़ की इन बातों का ज़िक्र अब तक किसी ने क्यों नहीं किया?

माना जा रहा है कि फिल्म थप्पड़ ने घरेलू हिंसा के बारे में बातचीत शुरू की है, लेकिन अब सिर्फ बातचीत नहीं, इसे एक अगले पायदान पर चढ़ना होगा जहाँ सवाल और भी मुश्किल हैं। 

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नीना गुप्ता की इस स्टेटमेंट का समर्थन हम नहीं करते हैं, जानिये क्यों

नीना गुप्ता क्या कह रही हैं और क्यों कह रही हैं, हम समझ सकते हैं, लेकिन ये बात उन्हें सिर्फ अपने सन्दर्भ और बीते हुए समय को ध्यान में रखते हुए करनी चाहिए।

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अपनी प्रदर्शनकारी बेटी को एक माँ का खुला पत्र

मैं एक अभिभावक हूँ और मेरी बेटी अभी व्यस्क नहीं है, ये खुला पत्र मैंने खुद को और अपनी बेटी को उन तमाम युवाओं खासकर युवा महिलाओं और उनके अभिभावकों की जगह रख कर लिखा है।

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अपने पिता की अंत्येष्टि करने के लिए कैसे किया पूजा ने इस समाज का सामना?

अपने पिता की अंत्येष्टि के बारे में पूजा कहती हैं, कि अगर लड़कियों को वाक़ई में सबके बराबर होना है तो इस बराबरी को जीवन के अंतिम पड़ाव तक भी ले जाना होगा।

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‘श्रीदेवी – रूप की रानी’, ललिता अय्यर की किताब हर आधुनिक औरत के लिए स्मरणीय रहेगी

ललिता अय्यर शुरू में ही श्रीदेवी जी से एक भावनात्मक सा रिश्ता बाँध देती हैं। वे कहती हैं - 'श्रीदेवी से मैंने सीखा कि औरत होने का कोई एक तरीका नहीं होता।'

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बलात्कारी संस्कृति की इन 14 बातों को आज ही त्यागें

अगर समाज में बलात्कार को, 'बदला लेना', 'सज़ा देना' या सेक्स को विकृत रूप में देखने की प्रवृति है, तो ये बलात्कारी संस्कृति है।

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जेनेवा कन्वेंशन क्या है? यह कैसे युद्धबंदियों की सुरक्षा करता है?

जेनेवा कन्वेंशन क्या है? यह युद्धबंदियों को क्या अधिकार प्रधान करता है? सोशल मीडिया पर जेनेवा कन्वेंशन के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है, तो जानिये यह क्या है! 

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गैसलाइटिंग के 11 चिन्ह – एक अंतरंग अब्यूज़ जिसे हम अक्सर समझ नहीं पाते

गैसलाइटिंग के चिन्ह पहचानने ज़रूरी हैं क्यूंकि ये एक ऐसा अंतरंग अब्यूज़ है जिसके एब्यूज़र अक्सर आपके परिवार के सदस्य ही होते हैं। 

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कैसे पहचानें यदि आपके अंतरंग रिश्तों में आप मानसिक हिंसा या दुर्व्यवहार का शिकार हैं?

हमारे समाज में अंतरंग रिश्तों में होने वाली हिंसा या दुर्व्यवहार को लेकर अजीब मान्यताएँ हैं, इसलिए, अंतरंग रिश्तों में अब्यूज़ या दुर्व्यवहार के लक्षणों को पहचानें और सतर्क रहें।

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