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Writer. Humanitarian. Traveler. Thinker
इरादे मुक़म्मल करने को अक्सर रूह के कुछ हिस्से सिसकते रहे, ठहराव की तलाश में हम भटकते रहे।
जीवन मेरा, निर्णय मेरे, आश्रित क्यूँ हो दूसरे के भाव पर? पार करना है मुझे जब अकेले हर बहाव को, तो मूक कैसे कर लूँ स्वयं को, अचर अपने स्वभाव को?
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