A story of love, loss and second chances by Nikita Singh, releasing this Valentine’s Day.
Are you taking care of the calcium needs of your child ?
कौन है यह मैं? क्या यह वही मैं है जो बदलाव लाना चाहता है पर हिचकिचाता भी है? सोचिये ज़रा!
ये महज मैं हूँ या सभी में एक मैं हूँ ..
वो मैं जो डरता है खुद को औरों के सामने लाने से..
जो डरता है सबके सामने खुद को ही अपनाने से..
जिसकी आवाज़ वो खुद भी नहीं सुन पाता है…
और जो भीड़ में बस भीड़ ही बन कर रह जाता है…
क्यूँ वो खुद के अलावा और सब बनना चाहता है…
क्यूँ औरों से मिलता रहता है ..
और बस खुद से ही मिलना भूल जाता है..
वो मैं जो लिखता है…
तो अपने शब्दों को हँसी के ठहाके से छिपता है…
या वो मैं जो नाचना चाहता है ..
पर फिर कहीं खुद में ही सिमट कर रह जाता है..
जो गुनगुनाते हुए खुद को ही सुनने में हिचकिचाता है ..
या वो मैं जो चाहता भी है …
पर आज़ाद नहीं हो पता है….
ये महज मैं हूँ या सभी में एक मैं हूँ …
क्यूँ डरता है ये मैं?
जो मैं एक बदलाव लाना चाहता है …
फिर “सब चलता है “कह कर खुद को ही बदला पाता है..
क्यूँ ये खुद को ही स्वीकार करने से हिचकिचाता है..
मेरे अंदर जाने कब से दबा छिपा मैं ये जानना चाहता है
मूल चित्र: Unsplash
I love to write and I believe in myself .I meet myself everytime I write.
मेरा घर कौन सा है बस इतना बता देना
ईर्ष्या, वेलकम बेक! तुम्हे मैं अपनाती हूँ अपने हर कमी के साथ
ना मैं लाल ना मैं हरी, हूँ बस एक औरत
एकदम अप-टू-डेट हूँ-मैं भी फेमिनिस्ट हूँ
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