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ये लॉक डाउन तो ख़त्म हो जाएगा, देर-सवेर, पर जिन्हें वास्तव में रहना है लॉक डाउन, वे फिर घूमेंगे बेधड़क? और एक लॉक डाउन चलता रहेगा?
लॉक डाउन बुरा लगता है?
यह तो कोरोना से सेफ्टी के लिए है। आपकी स्वेच्छा से है।
याद कीजिये किसी सेफ्टी के लिए आप सालों साल औरतों, लड़कियों, बहुओं को लॉक डाउन किये हुए हैं।
बहुत कुछ सिखा रहा है ये लॉक डाउन।
जो मुद्दे कभी ख़त्म ही न होते थे आज जैसे कहीं दुबक गए हैं।
इंतज़ार कर रहे हैं, कब ये असल आपदा ख़त्म हो और हम भी आएं।
बहुत कुछ कह रहा है ये लॉक डाउन।
वक्त आत्म विश्लेषण का है ये लॉक डाउन तो ख़त्म होगा देर सबेर।
पर जिन्हें वास्तव में रहना है लॉक डाउन, वे फिर घूमेंगे बेधड़क?
क्या एक लॉक डाउन चलता रहेगा? और किसी को ख़बर तक न होगी?
मूल चित्र : Pexels
Sarita is a teacher, a voracious reader and an inquisitive student at heart. She lives her life on her own terms. She believes that questioning the established norm is the way to change. "Start questioning, read more...
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