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Sarita is a teacher, a voracious reader and an inquisitive student at heart. She lives her life on her own terms. She believes that questioning the established norm is the way to change. "Start questioning, stop accepting."
ये लॉक डाउन तो ख़त्म हो जाएगा, देर-सवेर, पर जिन्हें वास्तव में रहना है लॉक डाउन, वे फिर घूमेंगे बेधड़क? और एक लॉक डाउन चलता रहेगा?
अब दिवस मनाते फिरते हो, लेकिन, नारी-पिछड़ी जाति-सर्वहारा-अल्पसंख्य-गरीब, इन तबकों में, हीन भावना से भरे हुए मानव ही ने सबको बांटा था।
सच कहूँ तो तुम्हारी पूरी जमात डरती है स्त्री से, जो अपने निर्णय स्वयं लेती है और अपनी ग़लतियों को सहेज कर, उनका श्रृंगार करती हैं।
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