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पेड़-पौधों को बनायें अपने जीवन का हिस्सा ताकि हरियाली की धमक रहे बरकरार

कोरोना काल में हुई ऑक्सीजन की कमी और सांसों के लिए संघर्ष करते चेहरों ने हरियाली की एहमियत हमें समझा दी है।

कोरोना काल में हुई ऑक्सीजन की कमी और सांसों के लिए संघर्ष करते चेहरों ने हरियाली की एहमियत हमें समझा दी है।

अपने आसपास हरियाली देखकर हमारा मन बहुत प्रफुल्लित हो जाता है, क्योंकि साइंटिफिक तौर पर भी हरा रंग शरीर के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

हम सोते वक्त अपने कमरे की मद्धम रोशनी भी हरे रंग की ही रखते हैं, ताकि नींद अच्छी आए। साथ ही हम यह भी चाहते हैं कि जब सुबह की चाय का स्वाद लेने का समय हो, तब बालकनी का वह कोना ही मिले, जहां से दूर-दूर तक हरियाली दिखाई देती है। साथ ही डॉक्टर भी अवसाद से जूझ रहे लोगों को हरे रंगों के आसपास रहने की सलाह देते हैं, ताकि मन और तन दोनों सुकून पा सके।

आम जीवन में सारे रंग जरुरी हैं क्योंकि हर एक रंग की अपनी ऊर्जा होती है। फिर हरे रंग के सबसे बेहतरीन और सार्थक सोर्स को ही हम क्यों नजरअंदाज करते जा रहे हैं? पेड़-पौधे ही हरे रंगों का एक ऐसा स्त्रोत हैं, जिनसे लाभ लेकर हम अपनी हर एक परेशानी को दूर कर सकते हैं।

अपने पसंदीदा फूल के पौधे के पास अपनी पसंदीदा किताब पढ़ सकते हैं। शाम की कॉफी का लुत्फ उठा सकते हैं और यहाँ तक की घर में नीम या आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर दोस्तों के साथ कोई प्रोग्राम भी मना सकते हैं। पेड़-पौधों के पास बैठना या गार्डनिंग करने से हमारे अंदर खुशी के हॉर्मोन का स्त्राव होता है, जिससे हमें आंतरिक प्रसन्नता का अनुभव होता है।

हरियाली से बट जाएगा अकेलापन भी

आजकल लोगों के जीवन में अकेलापन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में पेड़-पौधों के सानिध्य में समय बिताकर अपने अकेलेपन को बांट सकते हैं। जब बीजों से पहला अंकुरन होगा, उस वक्त जो खुशी आपको महसूस होगी, वह वाकई अनमोल होगी। उसके बाद छोटे से अंकुरन का पौधा बनना फिर पेड़ बनना और फूलों के बाद फल प्रदान करते हुए देखना आपको धैर्य का पाठ पढ़ाएगा। 

आपका अकेलापन बट जाएगा क्योंकि एक नन्हा-सा जीवन आप अपने सामने बढ़ते हुए देखेंगी। जैसे, सालुमारदा थिमक्का ने देखा है। उन्हें अपनी कोई संतान नहीं है, लेकिन उन्होंने बरगद के 400 से ज्यादा पेड़ लगायें हैं, जिन्हें वह अपनी संताने मानती हैं। आप भी पेड़-पौधों का सानिध्य पाकर अपनी जिंदगी का हिस्सा बांट सकती हैं, जिसके लिए आपको हमेशा गर्व ही महसूस होगा। 

बस करें एक छोटी शुरुआत, घर में लाए हरियाली

आप अगर सोच रही होंगी कि इसके लिए कोई बड़ी-सी शुरुआत करने की जरुरत है, तब ऐसा कुछ नहीं है। बल्कि आप अपने घरों में छोटे प्लास्टिक के मग, बोतलों में भी छोटे फूल के पौधे लगा सकती हैं। साथ ही बारिश के समय आने वाले सीजनल फलों को मिट्टी के अंदर दबा सकती हैं, जिससे वहाँ एक पेड़ का निर्माण संभव हो सके।

छोटे-छोटे प्रयास हमें हरियाली की ओर लेकर जा सकते हैं, जिससे आपके आसपास भी हरियाली का मंजर होगा और चिड़िय़ों की चहचहाहट भी होगी। उन पर घोंसले होंगे और आपके लिए एक आरामदायक और सुकून से ओत-प्रोत कोना होगा।

कोरोना काल में हुई ऑक्सीजन की कमी और सांसों के लिए संघर्ष करते चेहरों ने हरियाली की एहमियत हमें बता दी है, मगर जरुरत केवल इतनी है कि हम उसे अपनी जिंदगी में शामिल करने के लिए क्या कदम उठाते हैं?

अपनी ओर से हर संभव प्रयास करें, ताकि हरियाली को बरकरार रखने के लिए छोटे मगर सार्थक कदम उठायें जा सकें। डिब्बा बंद पानी हमने पीना शुरु कर दिया है, मगर डिब्बे में मिलने वाले ऑक्सीजन की ओर प्रगति पाने से अच्छा है कि हम पेड़-पौधों से भरा एक कोना तैयार करें और अनेक जिंदगियों को जीवंत होता देख सकें।

मूल चित्र: Taj Mahal Tea Via Youtube 

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