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कुछ भी ना पाने की उम्मीद कर, तुम सदा ख़ुश रहो, आसमान के सितारे की तरह चमको,बस यही प्रार्थना करती जाती है। माँ सिर्फ़ प्यार नहीं ममता लुटाती है।
कुछ भी ना पाने की उम्मीद कर, तुम सदा ख़ुश रहो, आसमान के सितारे की तरह चमको,बस यही प्रार्थना करती जाती है। माँ सिर्फ़ प्यार नहीं, ममता लुटाती है।
सारी चिंताओं का हल है जिसके पास,
वो माँ कहलाती है।
माँ सिर्फ़ प्यार नहीं सिर्फ़ कर्तव्य नहीं,
माँ तो ममता लुटाती है।
जो होती अनमोल,
माँ के आगे हर विपदा हो जाती है कमजोर।
कुछ भी ना पाने की उम्मीद कर, निश्छल ममता लुटाती है।
तुम सदा ख़ुश रहो, आसमान के सितारे की तरह चमको,
बस यही प्रार्थना करती जाती है।
उसका धर्म तूँ उसका कर्म तू।
हर माँ के लिए उसका बेटा कृष्ण कन्हैया,
और बेटी राधा रानी होती है।
तन मन धन सब कुछ न्योछावर है संतान पर,
संतान को इंसान बनाने को क्या क्या जतन अपनाती है।
कभी प्यार तो कभी फटकार भी लगाती है,
कटते फटते रिश्तों पर रफू वो कर जाती है।
घर में ख़ुशहाली लाने को वो खुद को भी खोती जाती है,
नया जीवन दुनिया में लाने जो खुद को मिटाती है।
दर्द भरे पलों में भी मुस्कुराहट को ही सजाती है,
अपने बच्चों की ख़ुशियों के लिए जो वृद्धाश्रम भी चली जाती है।
फिर भी तुम सदा ख़ुश रहना ही दुआ वो बच्चों को दे जाती है,
क्योंकि माँ सिर्फ़ प्यार कर्तव्य नहीं निभाती,
वो तो ममता लुटाती है।
मूल चित्र: A’live Bench/ Youtube
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