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हाँ मैं हूँ मोटी, तुम्हें इससे क्या?

“तुम इतनी मोटी हो कि कोई तुमसे शादी नहीं करेगा। तुम्हें न स्लीवलेस टॉप नहीं पहननी चाहिए। तुम्हें न ढीले कपड़े पहनने चाहिए।”

“तुम इतनी मोटी हो कि कोई तुमसे शादी नहीं करेगा। तुम्हें न स्लीवलेस टॉप नहीं पहननी चाहिए। तुम्हें न ढीले कपड़े पहनने चाहिए।”

“तुम इतनी मोटी हो कि कोई तुमसे शादी नहीं करेगा।”

“अरे! खा भी कुछ तू।” 

“तुम्हें न स्लीवलेस टॉप नहीं पहननी चाहिए।”

“थोड़ी लंबी स्कर्ट पहनो।”

“तुम वजन बढ़ाने वाला ड्रिंक क्यों नहीं पीती।”

“तुम्हें न ढीले कपड़े पहनने चाहिए।”

हम जब अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को ज़रा ठहरकर देखते हैं तो ये सारी बातें हमें रोज़ कभी न कभी किसी तरह से देखते-सुनते ही हैं। कभी ये बातें हमें अपने रिश्तेदारों से सुनने को मिलती हैं, कभी अपने खुद के दोस्तों से, कभी खुद के माता-पिता से सुनने को भी मिलती है। कभी-कभी हम टीवी एड, टीवी धारावाहिक और फिल्मों में किसी पात्र का मज़ाक बनाते हुए हम देखते हैं।

आजकल तो सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से ऐसी चीजें हमारे सामने भी आती है। इतना सुनने के बाद कभी-कभी तो हम खुद के शरीर के बारे में नकारात्मक भाव रखने लगते हैं। यह जो शर्म और नकारात्मक भाव हमारे अंदर पैदा हो रहा इसे ही बॉडी शेमिंग की संज्ञा दी गई है।

बॉडी शेमिंग पिछले कुम समय पहले से ही चलन में आया शब्द है। धीरे-धीरे बढ़ती जागरूकता के कारण हमें यह एहसास हुआ कि पहले जो बातें हम अपनी सेहत के लिए चिंतामग्न लोगों की सलाह लगती थी, वह दरअसल हमारे शरीर पर तंज़ कसना था। यही बातें हमें खुद के प्रति शर्मिंदगी महसूस कराते हैं, जिसके कारण हम ख़ुद को कमतर समझने लगते हैं।

लोगों को बस बॉडी शेमिंग करनी है जिसके वे कई तरीके निकालते हैं

बॉडी शेमिंग करने वाले हमारी त्वचा के रंग, शरीर की आकार, बालों की लंबाई, और कपड़ों को लेकर कमेंट्स करते ही रहते हैं। तुम बहुत दुबले हो, तुम बहुत पतले हो, तुम बहुत काले हो, तुम बहुत गोरे हो, तुम्हारे बाल बहुत छोटे हैं, तुम्हारे बाल बहुत लंबे हैं, तुम बहुत लंबे हो, तुम बहुत छोटे हो। किसी न किसी तरह से बस केवल और केवल हमारे शरीर को लेकर कमेंट्स करना है ताकि वो हमें नीचा दिखा सके।

परफेक्ट शरीर एक मिथ्या

ये जो बॉडी शेमिंग करने वाला समाज है इसे खुद नहीं पता की परफेक्ट शरीर क्या होना चाहिए। वह खुद ब खुद अपनी सहुलियत के अनुसार नीचा दिखाने के लिए अपना स्वंय का पैमाना तय करती है। वे बस हमें नीचा दिखाने के नए तरीके इजाद करते हैं, उन्हें खुद नहीं पता की खूबसूरती क्या है?

बॉडी शेमिंग के खिलाफ लंबे समय तक लड़तीं आ रही अभिनेत्री विद्या बालन कहती हैं कि “जैसे हाथ की पांचों उंगलियां एक तरह की नहीं होती है, वैसे ही पांच बॉडी या पांच इंसान एक जैसे नहीं हो सकते हैं। आजकल हमारे अंदर एक ख़ास तरह के शरीर को पाने की चाह काफी बढ़ गई हैं। इससे आसान यह है कि आप यह मान ले कि आप अपने-आप में जैसे है खूबसूरत है। ये बॉडी शेमिंग करने वालों को शेम ऑन यू।

अभिनेत्री नंदिता दास जो कि लंबे समय से रंग-भेद के खिलाफ लड़ती आ रही हैं वे कहती हैं कि “आप गोरे हैं तो भी खूबसूरत हैं और आप काले हैं तो भी खूबसूरत हैं। हमने जो खूबसूरत को इतना तवज्जों दे रखी है मानों वही आपको परिभाषित करती हैं।”

बॉडी शेमिंग महिलाओं का जीवन दुभर बना देती है

अपने खुद के माता-पिता के द्वारा बॉडी शेमिंग के कारण एक महिला का तो जीना दुभर हो जाता है। बचपन से उन्हें सिखाया जाता है कि आप ऐसी रहेंगी, आपके बाल इतने लंबे रहेंगे, आप अपने स्तनों को सही आकार देने के लिए ये ब्रा पहनेंगी, आप रोज़ काजल, लिपस्टिक, क्रीम पाउडर लगाकर ही घर से नहीं निकलेंगी, इतना ही खाएंगी, अगर कोई लड़की छोटी है तो उसे ऊंची हील वाली सैंडल पहनने को कहा जाएगा ताकि यह सब करने के बाद एक मर्द उसे शादी के लिए पसंद कर सके।

यह समाज औरत को खुद से परिभाषित करने के बजाय उसे उसके शरीर के आधार पर परिभाषित करता है। फ़िर भी शादी के लिए जब लड़की को कोई लड़के वाले देखने आते है तो उस लड़की से इतने जतन करवाएं गए उसके बारे में कोई न कोई नुक्स निकाल लेंगे। इसकी नाक टेढ़ी है, होंठ ठीक नहीं है, आदि अनेक प्रकार के जतन लगाकर लड़की में खोट निकालेंगे ताकि उसे लड़के के सामने नीचा दिखाया जा सके।

सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जब कोई लड़की फोटो अपलोड करती है तो न जाने कहां से लोग कमेंट बॉक्स में आकर कहते हैं। ये ड्रेस नहीं जच रही तुम पर, तुम ये पहनो, तुम वो पहनो, तुम मेकअप करो थोड़ा, छी कैसी लग रही हो तुम, तुम मोटी लग रही हो फोटो में, और न जाने क्या-क्या!

पुरुषों के साथ भी बॉडी शेमिंग होती है

हम महिलाओं की बॉडी शेमिंग को लेकर इतना उलझ गए हैं कि पुरुषों के साथ हो रहे बॉडी शेमिंग को भूल जाते हैं। पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले काफी कम खुद के प्रति विश्वास होता है कि वे सुंदर है।

लड़कों के सर्किल में बेहद कैजुअल तरीक़े से उनका मजाक उड़ाया जाता है। मुंह देखा है अपना, ये क्या पहन लिए हो, कल्लू, लंबू, चंपू, आदि न जाने कितनी तरीके से लड़कों के आत्मविश्वास को गिराया जाता है। दाढ़ी-मूंछ न होने पर या लंबे बाल रखने पर मर्द ही नहीं कहते हैं बॉडी शेमिंग करने वाले लोग। पता नहीं उनके लिए मर्द की क्या परिभाषा है।

कभी-कभी तो जो महिलाएं खुद बॉडी शेमिंग का सामना करती है वे पुरुषों के लिंग के आकार पर टिप्पणी करके उन्हें शर्मिंदा महसूस कराती है। यह भी जक प्रकार से बॉडी शेमिंग ही है।

बॉडी शेमिंग के भयानक परिणाम

ये सारी बातें जो बॉडी शेमिंग के नाम पर हम सुनते हैं इनके कारण मानसिक सेहत पर काफी गहरा असर पड़ता है। लोग खुद को इतना कमतर समझने लगते है कि वे ट्रॉमा और ड्रिप्रेशन में भी चले जाते हैं। वे खुद से नफरत करने लगते हैं, ख़ुद को नुक़सान पहुंचाने लगते हैं। ख़ुद को परफेक्ट बनाने के चक्कर में विभिन्न प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं जिससे उन्हें आर्थिक क्षति पहुंचती है और परिणाम न मिलने पर मानसिक क्षति। तानें सुन सुनकर इमोशनली एक व्यक्ति कमजोर सा पड़ने लगता है।

कैसे बॉडी शेमिंग से निकला जा सकता है

बॉडी शेमिंग से निकलना काफी कठिन सा हो जाता है क्योंकि जो बॉडी शेमिंग कर रहे हैं अधिकतर समय वे हमारे अपने होते हैं और हम अपने अपनों से लड़ नहीं पाते।

अगर, हमें बॉडी शेमिंग के खिलाफ लड़ना है तो हमें अपने परिवार से शुरू करना पड़ेगा उन्हें समझाना पड़ेगा कि आप जो कर रहे वह बॉडी शेमिंग है और इससे मेरे मानसिक सेहत को क्षति पहुंचती है।

सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बॉडी शेमिंग करने वालों के खिलाफ रिपोर्टिंग करनी पड़ेगी। अपने दोस्तों के बीच कैजुअल मज़ाक के समय प्वॉइंट आउट करना पड़ेगा कि ये बॉडी शेमिंग है, अगर तुम्हें हंसना है तो खुद पर हंसो मुझे नीचा दिखाकर नहीं।

इन सब चीजों के अलावा आपको अगर बॉडी शेमिंग से निकलना है तो बॉडी शेमिंग करने वाले लोगों और चीजों से परहेज़ करें, उन्हें अनदेखा करें। हर किसी की बात सुनने की और उस बात को दिल से लगाने की जरूरत नहीं।

संगीता गारू जैसी फैशन मॉडल आपके लिए एक उदाहरण भी बन सकतीं हैं जिन्होंने फैशन इंडस्ट्री के एक सेट खूबसूरती के पैमाने में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके रंग के कारण उनके माता-पिता ने भी शुरुआत में फैशन इंडस्ट्री में प्रवेश करते वक्त सहायता नहीं की, फिर भी वे आज फ़ैशन मॉडल के तौर पर वे बेहद अच्छा काम कर रहीं हैं।

इन सबसे ऊपर आप खुद से प्यार करें। भले ही कोई आपको खूबसूरत कहे न कहे आप खुद से कहें कि आप बहुत सुंदर है। ख़ुद में एक सकारात्मक और स्वस्थ भाव लाए। कोशिश करें धीरे-धीरे आपको ख़ुद से प्यार जरूर होगा।

मूल चित्र: ASphotowed from Getty Images Signature via Canva Pro

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