कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
जब ज़रूरी हो, तब अपने लिए भी, मौन व्रत भंग कर कदम और आवाज़ उठानी चाहिए अपने फ़ैसलों को अपने दमख़म पर लेना चाहिए...
जब ज़रूरी हो, तब अपने लिए भी, मौन व्रत भंग कर कदम और आवाज़ उठानी चाहिए अपने फ़ैसलों को अपने दमख़म पर लेना चाहिए…
फ़ैसला लेने के लिए मजबूरी की बेड़ियों को उतार फेंक, अपने स्वतंत्र विचारों की मर्ज़ी को पंख देना चाहिये दूसरों से पहले स्वयं का स्वयं पर भरोसा होना चाहिये पराधीन ना होकर स्वाधीन बनना चाहिए आर्थिक आत्मनिर्भरता भी बहुत ज़रूरी है आर्थिक युग में ये औरत की पहली मज़बूती है
पर ये तो सिर्फ़ ज़रूरतों की ही पूँजी है सही राह पर अकेले चलने के लिये प्रबल इरादे की पूँजी भी शामिल होनी चाहिए अबला का चोला उतार वीरांगना बनना चाहिए क्या होगा कैसे होगा जैसे अवरोधों से मन को मुक्त करना चाहिए आत्मविश्वास का दामन थाम आगे बढ़ना चाहिए एक नए युग का आरम्भ करना चाहिए
मन से चिंताओं के डेरे को बाहर निकाल फेंक, सकारात्मक सोच को मन में घर बनाने देना चाहिए अपने मार्ग की ओर निर्भीक निडर हो बढ़ना चाहिए सच और सही के लिए कभी अपने कदमों को मजबूरी की बेड़ियाँ नहीं पहनानी चाहिये दूसरों से रहम की उम्मीद रखने से पहले खुद को खुद पर रहम करना चाहिए
जब ज़रूरी हो तब अपने लिए भी मौन व्रत भंग कर कदम और आवाज़ उठानी चाहिए अपने फ़ैसलों को अपने दमख़म पर लेना चाहिए फ़ैसलों में मजबूरी नहीं मर्ज़ी शामिल होनी चाहिए! मूल चित्र : biffspandex from Getty Images Signature via Canva Pro
read more...
Women's Web is an open platform that publishes a diversity of views, individual posts do not necessarily represent the platform's views and opinions at all times.
Please enter your email address