कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
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औरतों की कहानियां एक ऐसी कड़ी है जो सदियों को एक औरत को दूसरे से जोड़े चली आ रही है और इन कहानियों के ज़रिये ही आज हम यहां तक पहुंचे हैं…
प्रेम में पड़ी, प्रेम से निकली, धोखा पाई, मार खाई!
जलाई गई, रुलाई गई, छोड़ी गई, भगाई गई, गिराई गई, उठाई गई, बेची गई!
खरीदी गई, गाती हुई, नाचती हुई, मारी गई, बचाई गई, सताई गई, हारी हुई, जीती हुई!
जवान, बूढ़ाई गई, गुमी, पाई हुई, ये वाली, वो वाली, अलानि सी, फलानि भी!
सभी स्त्रियों, उठो री! अपनी कहानी लिखो ! तुम्हारी नई जमात को पढ़नी है! उन्हें नई राह गढ़नी है !
मूल चित्र : Canva
रणभूमि : एक विजय और एक शंखनाद
मेरी एक सहेली कुँवारी रह गई, दुनिया की नज़र में ‘बेचारी’ रह गयी!
दूसरों की बीच मैं खुद को भूल गयी थी…
क्या अब निर्भया को मुक्ति मिलेगी?
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