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यह वक़्त गुज़र जाएगा: हर रात की सुबह होती है…!

कोई भी वक़्त हो कैसा भी पल हो गुज़र जाता है,कहते हैं हर रात के बाद सुबह आएगी और आती भी है चाहे कुछ समय लगा कर आये मगर हर रात की सुबह होती है। 

कोई भी वक़्त हो कैसा भी पल हो गुज़र जाता है,कहते हैं हर रात के बाद सुबह आएगी और आती भी है चाहे कुछ समय लगा कर आये मगर हर रात की सुबह होती है। 

यह भी ना रहेगा
जब सुख नही ठहरा
तो दुख कैसे रहेगा?

जब अपनो का हो साथ
तो अकेला कौन कहेगा ?
जाना जब मन से मन तक होगा
तो दूरी कौन नपेगा?

न होना तुम हताश , निराश ,
जब दिन न रहा ,
तो ‘तम ‘ भी कहां टिकेगा?

है ईश्वर में जो आस
अब वही मन का विश्वास रहेगा
तेरे मेरे की ‘जंग ‘ की नही बात
अब ‘ हम सब एक ‘यही चलेगा ,यही बचेगा ।

मूल चित्र : Pexels

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Dr .Pragya kaushik

Pen woman who weaves words into expressions. Doctorate in Mass Communication. Media Educator Blogger and Communication Skills Expert. read more...

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