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बकौल योहानी दिलोका डी सिल्वा "मणिके मगे हिथे" का तर्जुमा उन भाषाओं में भी हो रहा है जिस भाषा के बारे में वह खुद नहीं जानती हैं।
बकौल योहानी दिलोका डी सिल्वा “मणिके मगे हिथे” का तर्जुमा उन भाषाओं में भी हो रहा है जिस भाषा के बारे में वह खुद नहीं जानती हैं।
सोशल मीडिया के मौजूदा दौर में लाईक और शेयर के अंकगणित ने “वायरल” का एक नया समाजशास्त्र गढ़ा है।
वायरल के इस नये समाजशास्त्र में एक गणित बहती गंगा में हाथ धोकर या खुद से उससे जोड़कर, अपने-आप को भी एक भेड़चाल में शामिल करने का भी, एक अलग अंकगणित है। निसंदेह, आप इससे न केवल अधिक से अधिक लोगों में ज़ेहन में शामिल हो जाते है उनकी जिंदगी का हिस्सा थोड़े देर के लिए ही सही बन तो जाते हैं।
सोसल मीडिया का पिछले दिनों का नया वारयल श्रीलंका की युवा गायिका योहानी दिलोका डी सिल्वा का है। जिनका ”मणिके मगे हिथे” गाना इंटरनेट और सोशल मीडिया की नई धूम है, हजार-लाख नहीं करोड़ों लोग “मणिके मगे हिते” पर झूम रहे हैं।
योहानी दिलोका डी सिल्वा श्रीलंकाई गायक, गीतकार, रैपर, संगीत निर्माता है जिसने यूटूयूबर के रूप में अपने संगीत कैरियर की शुरूआत की है।
उनका “देवियंगे बरे” रैप को भी काफी पसंद किया गया था, जिसके बाद वह “रैप राजकुमारी” के रूप में भी पहचानी जाती हैं। वह रेड बुल प्रेजेंट्स के साथ भी लाइव परफांर्म कर चुकी है। जाहिर है उनके संगीत कार्यक्रमों के परफार्मेस बताते है कि वह एक स्थापित संगीतज्ञ युवा महिला है। बहुत जल्द वे इंडिया में परफॉर्म करने वाली हैं।
अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद अपन संगीत कैरियर उन्होंने 2019 में ही शुरु किया है, इसलिए मणिके मगे हिथे की सफलता को उनकी शुरूआती सफलता में ही गिना जाएगा।
उनकी मंजिल श्रीलंका ही नहीं पूरी दुनिया में अपने संगीत को नई ऊचाईयों तक ले जाने का होगा, जिसकी शुरूआती कामयाबी तो उनको मिल चुकी है। योहानी दिलोका डी सिल्वा भारतीय संगीतकारों के साथ भी म्यूजिक बनाने की इच्छा जाहिर कर चुकी है। वह यह कर भी सकती है क्योंकि संगीत की कोई सीमा नहीं होती है, उसका एक अलग ही संसार है जिसमें भाषा कभी बाधा नहीं बनती है। संगीत का रिद्मम-धुन और ट्यून ही लोगों को झूमाने के लिए काफी है।
कहते हैं संगीत को किसी सीमा में नहीं बंधा जा सकत है। वह सात समन्दर पार भी अपना एक अलग ही मजहब बना लेता है, अपने चाहने वालों और सुनने वालों के बीच। यह बात केवल संगीत के साथ नहीं कला के हर माध्यम से साथ कही जाती है।
भाषा जाने बिना संगीत अपने धुन पर लोगों को दिवाना बना देता है। वास्तव में कोई भी कला अपने माध्यम से अपने भीतर के सुंदरता-कुरुपता सबों को अभिव्यक्त करता है, इसमें सच की आत्मा इतनी ज्यादा प्रबल होती है वह लोगों को पसंद आती है।
“मणिके मगे हिथे” इसकी मिसाल है जिसको पूरी दुनिया में सिर्फ पसंद ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि आम ही नहीं खास लोग भी “मणिके मगे हिथे” पर अपना वीडियो बना रहे हैं, इसको लाइक, शेयर भी कर रहे है।
खाली फ्लाइट में एयर होस्टेस से लेकर माधुरी दीक्षित और यहां तक प्रियंका चोपड़ा भी अपना हाथ धोकर या खुद को उससे जोड़कर वायरल के समाजशास्त्र में शामिल हो चुकी है।
“मणिके मगे हिथे” गाने के बोल क्या कह रहे हैं? क्या इसकी जानकारी क्या उन खास लोगों को है, जो गाने पर अपना विडियों बनाकर लाइक और शेयर के अंकगणित का लुफ्त उठा रहे हैं?
मणिके मगे हिथे का शाब्दिक अनुवाद नारी शरीर शौदर्य में डूबी किसी रसिक प्रेमी की अभिव्यक्ति लगती है, जो कहीं-कही पर शर्मिंदर्गी का एहसास भी करवाती है। हम यह कैसे भूल सकते हैं कि आइटम सांग्स के नाम पर हमारे यहां शीला की जवानी और तन्दूरी चिकन जैसे गानों ने जिस तरह का सौदर्य और भाषा गढ़ी है, उससे पब्लिक स्फीयर के दायरे में सिर्फ महिलाओं का ही नहीं बहुत लोगों का सर झुका है।
“मणिके मगे हिथे” तमिल भाषा में गाया गया श्रृगांर रस में प्रेम में डूबा हुआ गीत है जिसमें एक महिला के रूप सौंदर्य और उसके पुरुष के ऊपर जादुई प्रभाव का जिक्र है।
बेशक तमिल भाषा में इन शब्दों के बोल या मायने से तमिल समाज को कोई समस्या नहीं होगी, पर दूसरी भाषा में इनका अनुवाद थोड़ी देर के लिए शर्मिंदर्गी का एहसास तो करा ही सकता है।
मणिके मगे हिथे/मेरे दिल में बेबी,
मदुवे नूरा हंगुम यावी अविलेवी…/हर भावुक विचार तुम्हारे बारे में है, जैसे जलती हुई आग,
नेरिये नुम्बे नगे/तुम्हारे शरीर का आकार,
मागे नेट एहा मेहा यावि सिहिवेवी/मुझे अपनी आंख बंद नहीं करने देगे, मैं लिप्त हूं।
मा हिथ लंगम दवटेना/ तुम मेरे दिल के करीब हो,
हुरु पेमक पटलेना/मानो मैं तुम्हे हमेशा से जानता हूं,
रुव नारी/ तुम एक देवी के तरह दिखती हो,
मनहारी/मेरा मन प्रफुल्लित है,
सुकुमाली नुम्ब थमा/तुम सबसे प्यारी हो
हिथ लंगम दवटेना/तुम मेरे दिल के करीब हो
इस गीत के बोल को पढ़ें…तो वह प्रेम और नारी सौदर्य के आकर्षण में डूबी हुई बात कही गई है, यही लगता है। बेशक यह न अश्लील है, फूहड़ भी नहीं है न ही आइटम गीतों के श्रेणी में है।
संगीत के बोली नहीं समझे जाने के बाद भी केवल प्रेम-भाव के धुन को पकड़ कर लोग मणिके मगे हिथे को पसंद ही नहीं कर रहे है, उसके धुन पर अपनी खुद का विडियों बनाने से नहीं चूक रहे हैं।
जिस तरह मणिके मगे हिथे लोगों को पसंद आ रहा है, वह आज नहीं कल पार्टी क्लचर में भी अपने धुन पर लोगों को झुमायेगा ही। पर जिनको इसके शब्दों का भाव समझ में आएगा, उनको थोड़ी देर के लिए शर्मिंदा भी कर सकता है।
वैसे भी हिंदी और कई भाषाओं में कुछ संगीत के बोल इस तरह के होते है जो सड़क-चौराहे-क्लब या शादी-ब्याह या सामाजिक आयोजनों पर बजते हैं तो महिलाओं को सबसे अधिक शर्मिदर्गी होती है, वह अपनी निगाह झुकाकर आगे बढ़ने के अलावा और कुछ कर नहीं पाती हैं।
बेशक, शेयर, लाइक और वायरल के समाजशास्त्र में यह गीत भी बहुत जल्दी कहीं खो जाएगा। परंतु, यह अपना जो प्रभाव छोड़ जाएगा उससे पल्ला झाड़ा नहीं जा सकता। इसके लिए अपनी आवाज आधी-आबादी को भी बुलंद करनी होगा क्योंकि जो कला अपने अभिव्यक्ति में बाह्य और आतंरिक सौदर्य को अभिव्यक्त करती है वह किसी के शर्मिंदगी का कारण नहीं होना चाहिए।
मूल चित्र : Yohani/IG
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