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वो माँ है तो क्या, थोड़ा बचपना अभी भी बाकी है

अनुभव का भंडार है पर, नये तरीकों को आज़माती है, अपने बचपन की तस्वीरों में, आज भी कहीं खो जाती है। 

अनुभव का भंडार है पर, नये तरीकों को आज़माती है, अपने बचपन की तस्वीरों में, आज भी कहीं खो जाती है। 

थोड़ी नटखट सी है वो
अकसर नादानियाँ कर जाती है
अपने जोड़ो के दर्द को भूल कर
बरसात में वो छत चढ़ जाती है

वो माँ है तो क्या
कुछ बचपना अभी भी बाकी है

हमें आइस-क्रीम के बहाने
वो ख़ुद आइस-क्रीम खाती है
बताशे के ठेले पर
वो आज भी रूक जाती है

वो माँ है तो क्या
कुछ बचपना अभी भी बाकी है

बाजार करने निकलो तो बच्चों की
तरह ज़िद पर अड़ जाती है
बर्फ़ का गोला दिख जाए तो
चुस्कियां लेकर खाती है

वो माँ है तो क्या
कुछ बचपना अभी भी बाकी है

अनुभव का भंडार है पर
नये तरीकों को आज़माती है
अपने बचपन की तस्वीरों में
आज भी कहीं खो जाती है

वो माँ है तो क्या
कुछ बचपना अभी भी बाकी है

खुद में मस्त होकर भी
वो हर कदम पर साथ निभाती है
थोड़ी चालू सी थोड़ी मासूम सी
वो माँ है मेरी
थोड़ा बचपना अभी भी बाकी है।

मूलचित्र : Max Pixel

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Shivangi Agrawal

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