कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

डट जाओ आंधी के आगे ,सम्भलो मगर भागो नहीं !

देश में भ्र्ष्टाचार की आंधी में सबको डट कर सामना करना होगा , डर  कर नहीं, और न मुँह छुपकर, सम्भलो और देश को बदलने का विश्वास रखो। 

देश में भ्र्ष्टाचार की आंधी में सबको डट कर सामना करना होगा , डर  कर नहीं, और न मुँह छुपकर, सम्भलो और देश को बदलने का विश्वास रखो। 

महफ़िल महफ़िल तन्हाई है।

न जनता की सुनवाई है।

बेकस, बेचारी जनता की,

सरेआम ही रुसवाई है।

थाम कलेजा घुट-घुट रोते,

सबकी निंदिया चुराई है।

सादगी का स्वांग रचाते,

जेब में काली कमाई है।

मुँहजोरी से खुद बने रब,

राज कर रही चतुराई है ।

मुफ्त-मुफ्त का शोर मचा के,

कुघात की चाल चलाई है ।

तिनके-तिनके बांध जोड़ के,

सत्य की करनी सफाई है।

आँख दबा, कुटिल मुस्कुराते,

शत्रु हाथ बड़ा हरजाई है।

संभलो! मत देश से भागो,

यही कण-कण की दुहाई है।

आज के जयचंदों संग,

टुकड़ी पाक ने सजाई है।

न बुझने देना उस अलख को,

शहीदों ने जो जगाई है।

मूल चित्र :

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

41 Posts | 211,299 Views
All Categories