कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

कागज़ की कश्ती की कैसी होती है हस्ती?

बहती हुई किस्मत को बना अपनी संगिनी, कागज़ की कश्ती की क्या होती है हस्ती? जुदाई भूल कर अपनी यह कागज़ की कश्ती बनती है बचपन की सखी सच्ची

बहती हुई किस्मत को बना अपनी संगिनी, कागज़ की कश्ती की क्या होती है हस्ती? जुदाई भूल कर अपनी यह कागज़ की कश्ती बनती है बचपन की सखी सच्ची!

कागज़ की कश्ती की क्या होती है
हस्ती?
कारीगरी उंगलियों की ऐसी कागज़ को जो बना दे कश्ती,
होती नियति देखो कैसी इसकी
ना मल्लाह और ना पतवार,
ना हिस्से में आएं कोई पोखर, तालाब और तटिनी,
बरसात की बूंदों से भरा भूखंड को समझ अपनी नियति,
बहती हुई किस्मत को बना अपनी संगिनी,
कागज़ की कश्ती की क्या होती है हस्ती?
जुदाई भूल कर अपनी यह कागज़ की कश्ती
बनती है बचपन की सखी सच्ची,
ठहरे हुए पानी में नन्हे हाथों से जब छोड़ी जाती
अपनी अल्पायु से वह नहीं घबराती,
एक मुस्कान खिलाकर मासूम चेहरों पर
वह सदियों का सफ़र तय कर जाती,
बारिश की बूंदों से बचाते हुए अपनी हस्ती
विलीन होकर बरसात के पानी में हीं खो जाती
बचपन की याद बन,
मस्तिष्क पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाती,
कागज़ की कश्ती की कैसी है हस्ती?
बचपन का खेल बन बचपन में ही खत्म हो जाती,
एक अल्हड़ खिलखिलाहट के लिए
अपने को ही मिटा देती,
ऐसी है कागज़ की कश्ती की हस्ती।

इमेज सोर्स: Sky_Mane (pixabay)

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

14 Posts | 121,134 Views
All Categories