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पढाई-डिग्री सब धरी रह गई, कैसे ये लड़की छड़ी रह गई – क्या आज भी शादी एक औरत की ज़िन्दगी का सबसे बड़ा मक़सद है?
मेरी एक सहेली कुंवारी रह गई, दुनिया की चकाचोंध में अंधयारी रह गई।
शकल-सूरत से तो ठीक थी, टक्के-पैसे से भी रईस थी, आशिक़ों की लम्बी लिस्ट थी, खुद को रखती भी एक दम फिट थी, एक अनसुलझी पहेली रह गई, कैसे ये सुन्दर कन्या अकेली रह गई।
नौकरी-चाकरी तो ठीक-ठाक थी, आनसाइट जाने की भी सुनी बात थी, रिश्ते भी आए बहुत थे, फॉरेन में भी उसके बहुत दोस्त थे। मिला नहीं उसको मन का मेल, सब ही है विधाता का खेल, पढाई-डिग्री सब धरी रह गई, कैसे ये लड़की छड़ी रह गई।
सबके तानों से वो घायल हो गई, चेहरे की मुस्कान भी रवाना हो गई, धीरे-धीरे वो मजबूरी बन गई, सब रिश्तों से उसकी दूरी बन गई। फेसबुक, व्हाट्सप्प के सब कांटेक्ट छूट गए, सच्चे झूठे सब रिश्ते-नाते टूट गए , अब मिलता नहीं उसका कोई अपडेट है, लोग कहते हैं सब का अपना-अपना फेट (fate) है।
मेरी एक सहेली कुँवारी रह गई, खुशियों भरे इस संसार में अधूरी रह गई, मेरी एक सहेली कुँवारी रह गई।
मूल चित्र: Pexels
My name is Indu. I am a computer engineer by profession and qualification. I am
मेरी अधूरी ख्वाहिशें
और मैंने अपनी दोस्त की ज़िंदगी में रोशनी भरने की ठान ली…
कल सपने में क्या गजब हुआ…
आज इतने सालों बाद जब दोनों ने एक दूसरे को देखा तो…
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