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सदियों से औरत को अबला माना गया है, मगर अब और नहीं! वक़्त आ गया है अपने अंदर की शक्ति को पहचानने का, उस सोई शक्ति को, ललकार कर, दहाड़ कर जगाने का!
तू ठान ले , तू मान ले
बुझी हुई मशाल ले
तू आग है, तू लौ दिखा,
ये तेज अपना ना छुपा
सिमट नहीं, उड़ान भर-
तू युद्धक्षेत्र में उतर!
साहस का तेरे वध किया
निशब्द घोषित किया
छंदों में अलंकृत किया
अधिकारों से वंचित किया
अनीति का तू अंत कर-
समाज ने बनावटी, लगायी तुझ पे बेड़ियाँ
सैंकड़ो बलि चढ़ी हैं, कितनी वीर बेटियाँ
न हो सका तेरा उदय
लहू बना तेरा ह्रदय
त्रिशूल धार, प्रहार कर-
प्रतिमा बन मठ में सजी
प्रथा-युक्ति घर में जली
विराट रूप धर ले तू
सिंहनाद भर ले तू
दुर्गा स्वरुप सिद्ध कर-
मूल चित्र: No One Killed Jessica movie से
Writer, marketer, foodie, traveler and amateur photographer, Indrakshi is always on a lookout for new opportunities and adventures in life. Currently living away from her motherland, she carries India in her heart wherever she is. read more...
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