कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

मैं एक औरत हूँ!

घर की चार दिवारी से बाहर, सतरंगी सपनों भरी दुनिया है मेरी, नीले आसमान तक उड़ान है मेरी, सीमा पर तिरंगा लहराते पहचान है मेरी।

घर की चार दिवारी से बाहर, सतरंगी सपनों भरी दुनिया है मेरी, नीले आसमान तक उड़ान है मेरी, सीमा पर तिरंगा लहराते पहचान है मेरी।

मैं एक औरत हूँ,
जिसके नहीं है सिर्फ दो रंग!
तोला है तुमने हर बार काले और गौरे में,
बस यही दो रंगों से नही हूँ बनी मैं,
देखो भीतर मेरे हृदय रंगीन।

बेटी का नटखट रंग,
बहन का शरारती रंग,
पत्नी के प्रेम में रंगा,
माँ की ममता में रंगा,
हर एक रिश्ता रंग है मेरा।

घर की चार दिवारी से बाहर,
सतरंगी सपनों भरी दुनिया है मेरी,
नीले आसमान तक उड़ान है मेरी,
सीमा पर तिरंगा लहराते पहचान है मेरी।

सफेद चोला में जीवन बचाते,
मंगल के सपनों को आकार देते,
हर एक रंग में रंगी पहचान है मेरी,
बस यही दो रंगों की नहीं हूँ बनी।

मूल चित्र : Pexels

विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो।यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों  तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।

About the Author

1 Posts | 1,019 Views
All Categories