कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
अब काली खाली दीवार भी, खाली कहां है, उस पर तो नूर है रंगों का, पर कुछ सपने आज भी अधुरे है। पर हमको क्या, हमको तो गुरुऱ है कुछ का पूरा होने का...
अब काली खाली दीवार भी, खाली कहां है, उस पर तो नूर है रंगों का, पर कुछ सपने आज भी अधुरे है। पर हमको क्या, हमको तो गुरुऱ है कुछ का पूरा होने का…
एक काली खाली दीवार पर,
कुछ रंग बिखर से गए,
कुछ वक़्त से दीवार भी खाली थी,
हम भी,
और अलमारी में पड़े रंग,
और हमारे ख़्वाब भी।
पर उस दिन…
मानसून की पहली बेईमान बरसात की तरह,
वो कुछ बदलने मचलने से लगे।
रंगो को नशा
और हमारे को ख़्वाब पंख लगे हो मानो,
अब काली खाली दीवार भी,
खाली कहां है,
उस पर तो नूर है रंगों का,
पर कुछ सपने आज भी अधुरे है।
पर हमको क्या
हमको तो गुरुऱ है कुछ का पूरा होने का…
मूल चित्र : Pexels
read more...
Please enter your email address