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मेरी दूसरी शादी को आज तक कुछ भी ठीक नहीं हुआ हैं और अब मेरे पति मुझसे भी नफरत करते हैं क्योंकि लगता है सारे फसाद की जड़ मैं ही हूँ।
मैं एक तलाकशुदा औरत हूँ। मैंने तलाक के दो साल बाद फिर से शादी की। जिससे शादी की उसे मैं अपनी पहली शादी से पहले ही जानती थी और हम दोनों अच्छे दोस्त भी थे इसलिए उसने मुझे बोला कि मैं तेरा हाथ थामने के लिए तैयार हूं। तू बस अपने मम्मी पापा को मना ले इस शादी के लिये और जब वे मान जायेंगे तब वे खुद मेरे घर आ कर मेरे मम्मी पापा को भी मना लेंगे। थोड़ा मुश्किल काम है लेकिन एक बार सब मान जायेंगे तो सब ठीक हो जायेगा।
परंतु जाति का अंतर होने के कारण मेरे माता-पिता बिलकुल नहीं माने और जिससे शादी करना चाहती थी उनके माता-पिता के मानने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था क्योंकि कोई भी माता-पिता क्यों अपने बिन ब्याहे बेटे की शादी एक तलाकशुदा औरत से करना चाहेंगे? उनकी बात भी बिलकुल सही थी आखिर हर माँ बाप के अपने बेटे को लेकर कुछ सपने होते है।
मैंने भी यही बात बोली थी जिससे मेरी शादी होने वाली थी कि तुम्हारे माता पिता के भी कुछ सपने होंगे और मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। पर उनके कुछ ज्यादा ही समझाने पर मैं भी मान गयी। लगा कि शायद पहली शादी माँ-बाप की मर्ज़ी से की थी, वो चल नहीं पाई, क्या पता इस बार मेरी जिंदगी सँवर जाये वरना इतना प्यार और सम्मान कौन देता है एक तलाकशुदा औरत को?
बस फिर क्या था माँ-बाप माने नहीं तो घर से भाग आयी और कोर्ट मैरिज कर ली। यहाँ ससुराल में अपने पति और ससुराल वालों के साथ रहने लगी। ससुराल में मेरे सास-ससुर और जेठजी है। जेठानी नहीं है अभी। शुरू के 3-4 महीने तो ठीक से निकल गए फिर पता चला पतिदेव को तो बहुत गुस्सा आता है, हर छोटी-छोटी बात पर।
कोई गाना सुन लिया तो थप्पड़ मार दिया। खाना ठीक से नहीं बना, तो थप्पड़ मार दिया। कभी अगर मेरे घरवालों की कोई बात याद आ गयी, तो मारना शुरू कर दिया, क्योंकि मेरे घरवालों ने इनका और मेरा शादी से पहले बहुत विरोध किया था। क्योंकि ये शादी मैंने उनके खिलाफ जा कर की थी, इसलिए अब मेरा मेरे परिवार से कोई नाता नहीं है कि अगर ससुराल में कोई बात हो जाये तो मैं अपने मन की बात उनसे कह सकूँ।
आज ढाई साल हो गए है मेरी इस शादी को आज तक कुछ भी ठीक नहीं हुआ हैं और अब मेरे पति मुझसे भी नफरत करते हैं क्योंकि सारे फसाद की जड़ मैं ही हूँ। मैं भी जैसे तैसे अपने दिन काट रही हूँ बेइज़्ज़त हो होकर।
मेरे पति मर्चेंट नेवी में काम करते हैं इसलिए 6 महीने जहाज़ पर ही रहते हैं। इस बार जब से मेरे पति जहाज़ पर गये हैं, मेरे जेठ जी ने मुझे गन्दी गन्दी गलियां देना और मुझ पर बेबुनियाद इलज़ाम लगाना शुरू कर दिया है। मुझे हमेशा चरित्रहीन साबित करने में लगे रहते है। मैंने कुछ बातें अपने पति को बतायी तो उन्होंने कहा, ‘तमीज से बात कर मेरा बड़ा भाई है और हमेशा रहेगा उसके खिलाफ एक लफ्ज़ नहीं सुनूँगा।’
अब समस्या ये खड़ी हैं कि मैं आगे क्या कदम उठाऊं? पति ने तो साथ देने से मना कर दिया। क्या इसी तरह जेठ जी की गन्दी हरकते बर्दाश करती रहूं या कोई क़ानूनी कार्यवाही करूँ इनके खिलाफ। मैं पुलिस को बुलाकर अपने सास ससुर की इज़्ज़त नहीं उछालना चाहती और साथ ही जेठ की हरकतें भी बर्दाश नहीं कर सकती।
अगर किसी के पास कोई अच्छा सुझाव हो जिससे मेरे सास ससुर की इज़्ज़त भी बनी रहे और जेठ को भी सबक सिखाया जा सके तो कृपया अपने सुझाव दीजिये ताकि मैं अपनी इस शादी को बचा सकूँ।
मूल चित्र : Unsplash
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