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चुनाव और हम-चलिए एक बदलाव के लिए प्रयास करें

वोट करें ज़िम्मेदार बनें! ज़िम्मेदारी सिर्फ कहने से नहीं होगी, बदलाव के लिए हम सबको काम करना पड़ेगा। हम सब इस देश के सैनिक हैं।

वोट करें ज़िम्मेदार बनें! ज़िम्मेदारी सिर्फ कहने से नहीं होगी, बदलाव के लिए हम सबको काम करना पड़ेगा। हम सब इस देश के सैनिक हैं।

आजकल चुनाव का माहौल है और हर जगह सिर्फ चुनाव की बातें हैं। लेकिन इन सब बातों में कहीं न कहीं हम अपनी मुख्य ज़रूरतों से भटक रहे हैं। क्यूंकि मैं एक महिला हूँ, तो सबसे पहले मैं महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा की बात करुँगी।

आजकल काफी लोग सड़कों पर निकल कर जुलुस कर रहे हैं। कोई नेता जी, बुलाकर रैली कर रहे हैं, कहीं बैठक हो रही है, तो कहीं बहस। क्या ऐसे हम महिलाओं  को ससक्त करेंगे? मुझे लगता है महिलाएं सशक्त ही हैं, उन्हें बस सहयोग और मौके की ज़रुरत है। हर बात के लिए सड़कों पर आना या बहस करना उपाय नहीं है।  जब तक हम नीतियां नहीं अपनाएंगे, जब तक हम महिलाएं खुद एक दूसरे का समर्थन नहीं करेंगे तब तक ये सब सिर्फ एक चुनावी मुद्दा और बहस बन के रहेगा।

हम सब लोग अक्सर नेता और उनकी पार्टी की आलोचना करते हैं, लेकिन जब बात आती है वोट देने जाने की तो हम सब उसे एक छुट्टी का दिन मान लेते हैं।  जिम्मेदार देश के लिए देश के नागरिकों को भी ज़िम्मेदार बनना होगा। सिर्फ बुराई करने से कुछ नहीं बदलेगा।

कुछ समय पहले, एक आतंकवादी हमले में हमने अपने वीर जवानों को खोया था  और आज भी हम कहीं न कहीं, हर दिन, एक या दो जवानों की शहादत की वारदात सुनते हैं।  ऐसे में कुछ समय के लिए, हम लोग दुःखी होते हैं, सोशल-मीडिया अपर अपना गुस्सा दिखते हैं, और, सब भूल जाते हैं। देश की वीर जवानों को हम सिर्फ युद्ध की परिस्थिति में याद रखते हैं, लेकिन बाकी समय हम उन्हें भूल जाते हैं। शहीदों के परिवार के लिए हम सोशल-मीडिया पर जय हिन्द लिखकर, अपनी ज़िम्मेदारी पूरी कर लेते हैं।

कड़वी है, लेकिन यही सच्चाई है। हमारे देश में लोगों की यदद्दाश्त बहुत कमज़ोर है। यहाँ हम सिर्फ एक ट्रेंड को अपनाते हैं। ज़रुरत है हमें जिम्मेदार बनने की, बातों को गहराई से समझने की, और, खुद में एक बदलाव लाने की।

तीसरा, पर सबसे अहम् मुद्दा, हमारे बच्चे या यूं कहें कि हमारी आने वाली पीढ़ी। कहा जाता है कि हमारे बच्चे वही सीखते हैं जो हम करते हैं। अक्सर सुनते हैं कि हमारे बच्चे ज़िम्मेदार नहीं, हमारी बात नहीं सुनते। लेकिन, क्या आप कभी ये सोचते हैं कि हम उनके सामने क्या उदाहरण पेश कर रहे हैं? अगर हमें एक अच्छा देश, एक अच्छा भविष्य चाहिये, तो हमें अपने आज पर मेहनत करनी होगी। ये हमारे ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीड़ी को एक अच्छा और स्वस्थ, माहौल दें।

वोट जरूर दें, और सुनुश्चित करें कि आपके आसपास कोई रह न जाए। एक और बात, वोट देते समय भावनाओं का नहीं दिमाग का इस्तेमाल करें। पांच साल में हमें  ये मौका मिलता है की हमें अपना देश कैसा बनाना है। हर दिन, आप और मैं,  जिस तरह अपने घर परिवार क लिए सोचते हैं, मेहनत करते हैं, उसी प्रकार एक दिन के लिए मेहनत कीजिए। एक दिन की ये मेहनत हमारे आने वाले पांच साल निर्धारित करेगी।

वोट करें ज़िम्मेदार बनें। ज़िम्मेदारी सिर्फ कहने से नहीं होगी, बदलाव के लिए हम सबको काम करना पड़ेगा। हम सब इस देश के सैनिक हैं। और, सैनिक सिर्फ वो नहीं जो यूनिफार्म पहनते हैं, हम सबके अंदर भी वो सैनिक वाला जज़्बा होना चाहिए जो देश-भक्ति, ईमानदारी सिखाता है।

तो चलिए, एक बदलाव के लिए प्रयास करें। जय हिन्द!

 

About the Author

Sarah nitin Rawat

i am a proud defense officers wife and mom of toddler. i am a freelance seo and writer by hobby. i am working with different ngo as a volunteer and motivational speaker. read more...

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