खुद को नई सी लगने लगी हूँ…हाँ, अब मैं बदल गई हूं!

मैं अब पहले की तरह मरती नहीं हूं, जीती हूं मन ही मन, दुनिया की परवाह कर आँसू बहाती नहीं हूं, अब मैं बदल गई हूं…अब मैं बदल गई हूं! मैं अब पहले की तरह खिलखिलाती नहीं हूं मुस्कुराती हूं मन ही मन, हंसी होंठों तक लाती नहीं हूं ! मैं अब पहले की तरह … खुद को नई सी लगने लगी हूँ…हाँ, अब मैं बदल गई हूं! को पढ़ना जारी रखें