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ये बेहद ज़रूरी है कि हम अपनी बच्चों को सुरक्षा के दायरे में रखें, अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी बचपन से ही देना शुरू कर दें।
आज ज़माना बदल गया है, थोड़ा आप भी समझिये और बच्चे के दोस्त बनिये। यकीन मानिये बच्चा कुछ भी नहीं छुपाएगा आपसे। आज ज़माना बदल गया है।
आज ज़रूरत है कि माता-पिता अपने बच्चों को आवश्यक रूप से समय देते हुए उन्हें प्रारंभ से ही अच्छा-बुरा, सही-गलत इत्यादि के बारे में नैतिक शिक्षा अवश्य दें।
घर के बच्चों को जितना डांट कर रखा जाता है, वो बच्चे उतने ही दब्बू, संकोची, और कभी-कभी गुस्सैल भी हो जाते हैं, आप एक मार्गदर्शक की तरह उनको देखें।
टेंशन फ्री परीक्षा! जी हाँ पाठको, आज मैं आपके और आपके बच्चों के लिए कुछ ऐसे ही सुझाव लेकर एक बार फिर हाज़िर हुई हूँ! तो आइये पढ़ें आगे!
पिताजी ने किरण को समझाया, "ये तो समय का फेरा है। किसी का ऐसे मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्या पता वक्त कब किस तरफ करवट बदल ले?"
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