कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

zindagi
तुम मानो या ना मानो, तुम बहुत खूबसूरत हो…

मैंने बालों को समेट कर रखना शुरू कर दिया। खुली चोटी भी गुथ गई। अकेले में खुद को देख कर इतराती पर दुनिया के सामने हिम्मत नहीं होती।

टिप्पणी देखें ( 0 )
बसंत ने कर दिया है आगाज़, उदासी न रहे आस-पास

जैसे प्रकृत्ति में बसंत का मौसम है, वैसे ही हर इंसान के जीवन में भी बसंत होता है पर वह प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देता है। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम एक पति बनते ही अजनबी क्यों बन गए?

दोनों की शादी जब हुई, माता-पिता और रिश्तेदार बुद्धिजीवी होते ही हैं, वो तो घोषणा कर बैठे कि ये रिश्ता नहीं चलना, छ: महीने भी।

टिप्पणी देखें ( 0 )
और उसने शरमाते हुए जल्दी से हाँ कर दी…

ये तो बता कोई पसंद किया या तेरे लिए किसी बुड्ढे को देखूं? क्योंकि जवान तो तू रही नहीं। तीस की हो चली, पता नहीं कब शादी करेगी।

टिप्पणी देखें ( 0 )
जो बेटा न कर सका वो आज एक बहु ने कर दिखाया…

मालती बहुत ध्यान रखती अपने ससुरजी का, लेकिन उनका अकेलापन वो कैसे बांटती? हमेशा ही एक झिझक सी रहती थी दोनों ओर...

टिप्पणी देखें ( 0 )
मैं तुम्हें अपने दिल की रानी बना के रखूँगा…

दो दिन से थोड़ी हरारत भी थी रूचि को। जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो रसोई में गई चुपके एक कटोरी में थोड़े दाल चावल लिये।

टिप्पणी देखें ( 0 )
post_tag
zindagi
और पढ़ें !

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories