कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

HOLI
अगर ये इतने तंग कपड़े पहनेगी तो इसके साथ ऐसा ही होगा

"दीदी, ये इतने तंग कपड़े क्यूं पहनती है? मना किया तो नहीं मानी अब हम लोग मज़ा नहीं चखाए तो सा* को समझ कैसे आता।”

टिप्पणी देखें ( 0 )
जीजाजी, आप झूठ क्यों बोल रहे हैं?

अभी अभी सामान तल के गैस बंद किया ही था, बस ना आव देखा ना ताव, गर्म करछी उठा के जोर से मार दिया अंजलि ने।

टिप्पणी देखें ( 0 )
अनाड़ी सासु जी की अनाड़ी बहु जो ठहरी मैं…

बहु, हमारे घर होली पे गुझिया बनती है। बहुत से मेहमान भी आयेंगे इस बार, नई बहु के हाथों का पकवान चखने, तो इस बार गुझिया तुम ही बनाना।

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम्हारा ‘बुरा न मानो होली है’ अच्छे से समझती हूँ मैं…

बुरा न मानो होली है? अगर किसी महिला ने जबर्दस्ती रंग लगाने का विरोध किया तो घमंडी, बदतमीज और ना जाने क्या क्या कहा जाता है उसे। 

टिप्पणी देखें ( 0 )
त्यौहार की खुशियों पर सिर्फ बेटों की माँ का हक़ क्यों?

क्या एक दिन बेटा अपने ससुराल में खाना खा ले, तो वो अपने परिवार से दूर हो जाएगा? क्या त्यौहार सिर्फ आपके घर है, आपकी बहु के मायके में नहीं?

टिप्पणी देखें ( 0 )
आज रंग लेने दो मुझे मेरे ही रंग में

नहीं रंगना पिया तेरे रंग में, ना तेरे प्रेम रंग में, इस होली रंग लूंगी खुद को, बस अपने ही रंग में, रंग लेने दो, मुझे मेरे ही रंग में।

टिप्पणी देखें ( 0 )

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories