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जब आप किसी अस्पताल पहुँचते हो तो क्या धर्म देखकर डॉक्टर चुनते हो? उस पल बस आप यही चाहते हो कि डॉक्टर कोई भी हो, बस इलाज ठीक हो जाये।
दिसंबर 15, 2019 की शाम को शांति से विरोध प्रदर्शित कर रहे जामिया मिलिया के छात्रों को पुलिस ने बेरहमी से पीटा और इसमें महिला छात्रा भी मौजूद थीं।
जहां इंसाफ का तराज़ू हमेशा एक तरफ झुका रहता है, उस समाज में कोई तरक्की, कोई समानता, कोई बदलाव आना नामुमकिन हैं, ऐसा समाज इंसानियत का दुश्मन है!
तनिशा गहरी सोच में थी, बस वो सोच रही थी कि ऐसा क्या हो गया था कि बहनों के इस मज़बूत रिश्ते पर समाज की दकियानुसी सोच भारी पड़ गई।
चाहे गलती हो या ना हो, किसी भी महिला को अपमानित करने के लिए उसके शरीर को इस्तेमाल करना सबसे आसान क्यों होता है, क्यों इतनी आसान है देनी बलात्कार की धमकी?
मेरी मेहनत और मेरी नियत पे सवाल उठाने वालो, कभी आइना देख लेना और बस एक सवाल पूछ लेना, कि मैंने सही किया? जो किया सो किया पर क्या वो सही किया?
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