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तीन तलाक का दर्द न सहेंगी अब ये बेटियाँ, दहेज रूपी दैत्य को भी मसल फेंकेंगी अब ये बेटियाँ, अब फूलों सी नाज़ुक नहीं हैं ये बेटियाँ।
पढ़िए एक माँ का भावनाएं अपनी बेटी के लिए - बेटियाँ हैं तो अस्तित्व है मेरा, आपका और समस्त मानव जाति का, और ये केवल मेरी ही नहीं, शायद हर माँ की अनुभूति होगी।
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