कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
हमारे देश में औरतों की सुरक्षा हमेशा से एक चुनावी मुद्दा बन कर रह गया। लेकिन सत्ता में कोई भी पार्टी आये, औरतें कहीं सुरक्षित नहीं हैं।
मेरा सत-सत नमन है धनिष्ठा और उसके महान माता-पिता को जिन्होंने अपनी 20 महीने की बच्ची के अंगदान कर उसे सबसे कम उम्र की कैडेवर डोनर बना दिया।
खुद ही सीखा है उसने तूफानों में खुद को संवारना, पर फिर वो वो नहीं रह जाती इन सब बातों में, भूल जाती है ठहाके लगाकर हंसना खिलखिलाना।
परिवार में सुख और शांति किसे अच्छी नहीं लगती। लेकिन राधेश्याम जी के घर से जैसे सुख शांति रूठ ही गई थी। रोज़-रोज़ के तनाव और कलेश से तंग आ राधेश्याम जी ने अंत में ना चाहते हुए भी अपने दोनों बेटों के बीच बँटवारा कर ही दिया। राधेश्याम जी के दो बेटे थे बड़ा […]
हमारे यहाँ कुछ लड्डुओं में सिक्के छिपा कर रखे जाते हैं। फिर जिसके तिल के लड्डू में सिक्के निकलते हैं उसके लिए ये वर्ष शुभ माना जाता है।
पैसा होने की वजह से समाज में रूतबा भी ससुराल वालों का बहुत था, लेकिन दरवाजे पर लगे महंगे पर्दे के पीछे की सच्चाई बिलकुल ही उलट थी।
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