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Seema krishna Singh

मैं सीमा सिंह। एक कुशल गृहिणी और ब्लागर के रूप में पहचान है मेरी।और एक परी सी बेटी की मां हु। लिखना मुझे बहुत अच्छा लगता है। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हम कह नही पाते उन्हें कलम के माध्यम से सबको परिचित करना चाहती हुं।

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एक अच्छी परवरिश

बच्चों का तो काम होता है ज़िद करना पर उन्हें समझाना हमारी जिम्मेदारी होती है। उनके लिए क्या सही है ,क्या गलत बताना होता है ,समझाना होता है ताकि वह समझे।

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बेटा या बेटी होना हमारे हाथ में नहीं है…

अगर तुम हिम्मत करोगी तब ही कुछ होगा। तुमने बेटे की चाहत में अपनी बेटियों की जिंदगी खराब कर दी है। अब बस और बेटीयों की बलि नहीं चढ़ाएंगे।

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सबके कहने पर वह माँ तो बन गयी लेकिन उसके आगे क्या हुआ?

शेखर और प्रगति की खुशनुमा ज़िंदगी में शेखर की एक ज़िद से प्रगति ही नहीं बल्कि उनके बच्चे पर भी बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। तो आख़िर ऐसा क्या हुआ था...

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