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Ruchi

Ruchi is a new person who has dared to break all walls of monotony in life, a dreamer, a learner and likes to derive inspiration in all situations she is into. Recently plunged into a difficult decision of taking a career break without a plan after 17 years to check-out what else life can offer her. She has discovered numerous abilities and angles of her personality and is happy to discover her true self. She loves to write, loves to paint , loves to rework and give new look to dilapidated articles, loves to cook, loves to explore new places, new food, new hobbies, loves to laugh, loves to spread love and laughter, loves to help to the best possible extent, loves to observe, loves to coach, loves to experiment and loves to discover innocence around. A spiritually very strong person who feels life is all about experiences and inspirations.

Voice of Ruchi

अगर मेरा देवर हमारे घर रह सकता है तो मेरी बहन क्यों नहीं?

सब अच्छे से चल रहा था। मीतू और सुदीप को ज्योति के वहां होने से कोई परेशानि नहीं थी ‌बल्कि वह दोनों ‌उसके वहाँ होने ‌से‌ बहुत ‌खुश थे।

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ये हमारी बेटी नहीं, बेटा है बेटा…

क्यों उस बेटी को बार बार यह महसूस कराया जाता है कि वह कुछ भी कर ले, उसकी तुलना हमेशा एक बेटे के साथ करी जाएगी? वो बेटा नहीं, बेटी है आपकी...

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हमें मुर्दा से ज़िंदा बनाती प्रार्थना

आंसू जैसे‌ सूख गए हैं। न्याय का तो दूर-दूर तक कोई  अता‌ पता‌ नहीं। बस सब‌ कुछ जैसे समाचार बनके रह गया है जिसे सिर्फ एक कान से सुनना है और दूसरे कान से निकाल देना है।

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मासूमियत ही भगवान

मैं बहुत खुशी खुशी घर आई, आइने में अपने आप को ‌देखा तो एक अजीब सी चमक थी और एक विश्वास था कि मेरा दिन बहुत सुन्दर जाएगा।

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इस मित्रता दिवस पर एक वादा ख़ुद से

एक वक्त ऐसा आया कि मुझे लगा कि ख़ुद से बात छेड़ के बहुत बड़ी गलती कर दी है मैंने। दुनियादारी में मैं व्यस्त था वही अच्छा था।

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क‌ई आवाजें पर एक ही टीस, मुझे मेरा आसमान चाहिये।

ऐसा होना चाहिए, वैसा होना चाहिए। इन सब की उधेड़-बुन में जो होना चाहिए था वो हुआ नहीं और जो करना चाहती थी, वो किया नहीं।

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न जाने किस वक्त के इंतजार में जिन्दगी रुकी हुई है…

"न जाने किस वक्त के इंतजार में जिन्दगी रुकी हुई है बस, जिंदगी खत्म हो तो शायद जिंदगी आगे बढ़े"- थमी सी जिंदगी को जीने की इक उम्मीद।

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