कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

Richa Anand

Voice of Richa Anand

जब समानता का पाठ पढ़ाने वाले खुद ही असामनता की बातें करने लगें तो…

मैं अपनी संकुचित सोच के लिए माफ़ी चाहता हूँ। आपने सच कहा, शिक्षा का सभी पर समान अधिकार है, फिर चाहे पढ़ने का हो या पढ़ाने का।

टिप्पणी देखें ( 0 )
अभी मुझे ‘स्टेप मोम’ से माँ बनने तक का सफर तय करना था…

पत्नी तो बन गयी मैं, पर अगला कदम मां बनने का है। कहने को कदमभर का फासला है ये पर अभी लंबा सफर तय करना है एक 'स्टेप मोम' से माँ जो बनना है।

टिप्पणी देखें ( 1 )
उसकी डायरी में लिखा था, ‘दो भागों में बँटी हूँ मैं, नर की अर्धांगनी हूँ मैं’…

नित्या को लिखने का बहुत शौक था लेकिन उसका शौक उसकी डायरी तक ही था। अपनी हर बात चाहें सुख की हो या दुख की वह उसमें लिखती थी।

टिप्पणी देखें ( 0 )
ज़िंदगी जीने का नाम है, ख़त्म करने का नहीं…

जो हुआ उसके बारे में सोच सोच के अपना आज बर्बाद करने से बेहतर होगा कि अपने आने वाले कल के बारे में सोचे। शांति से सोचो तो हर समस्या का समाधान मिल जाता है।

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहती हो या…

ऐसे शुरू हुआ था आकाश और नित्या के बातों का सिलसिला। बातचीत का सिलसिला धीरे-धीरे दोस्ती में तब्दील हो गया। कुछ दिन में ही दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे।

टिप्पणी देखें ( 0 )
क्या तुम गणेश चतुर्थी और उसके विसर्जन की कहानी को जानती हो?

गणेश चतुर्थी ब्राह्मणों और गैर ब्राह्मणों के बीच संघर्ष हटाने के साथ ही लोगों के बीच एकता लाने के लिए एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाना आरंभ किया गया था।

टिप्पणी देखें ( 0 )
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं एक अच्छी माँ कैसे बन सकती हूँ…

जब मेरी गलती से मेरी बेटी रोती थी तो सच मे बहुत दुःख होता था, मुझे...मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं अच्छी माँ नहीं हूँ। लेकिन एक अच्छी माँ कौन होती है?

टिप्पणी देखें ( 0 )
एक नहीं दो-दो पापा हैं मेरे…

सोनम को ये तो पता था कि पापा जी (ससुर ) को गुस्सा जल्दी आता हैं। सोनम को घबराहट होने लगी, क्या बात हो गयी, मुझसे कुछ ग़लती हो गयी क्या?

टिप्पणी देखें ( 0 )
ये घर, जहाँ मेरा बचपन बीता!

अपने घरौंदे का तिनका-तिनका बिकना! ये देखना बहुत दर्द देता है। घर के एक-एक कोने का सूना होते देखना, बहुत दर्द भरा होता है!

टिप्पणी देखें ( 0 )
हाँ! चाह थी मेरी…

विशाल समंदर हो अपना, कब चाह थी मेरी? मुठ्ठी भर आकाश हो अपना, हाँ! चाह थी मेरी!

टिप्पणी देखें ( 0 )
हम तुम और हमारा साथ हो तो फिर गम की क्या बात हो

कंगना के पति उसकी तकलीफ तो कम नही कर सकते थे पर साथ देके उसका हौसला ज़रूर बन सकते थे।  आखिर बच्चा सिर्फ एक माँ की ज़िम्मेदारी थोड़ी होता है !

टिप्पणी देखें ( 0 )
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में…इतना काफी नहीं है जीने के लिए!

मैं भी हर लड़की के तरह माँ बनना चाहती हूँ, पर विवेक अपनी तो जिम्मेदारी उठा नहीं पाता।  एक बच्चे की कैसे उठाएगा? आप ही बताइये...

टिप्पणी देखें ( 0 )
हमें कोरोना से डरना नहीं अपितु डट के सामना करना है

कोरोना के समय में भी इस माँ ने अच्छाई ढूंढ ली और कहा, "सच कहूं तो इस कोरोना की वजह से ही मेरा परिवार साथ में समय व्यतीत कर रहा है।"

टिप्पणी देखें ( 0 )
तुम्ही हो साथी, तुम ही सहारे, तुम ही हो बंधु सखा तुम्ही

ममता को मोदक बनाने नहीं आते थे, पर उसने यूट्यूब पर देख के बनाए। दोनों के बीच एक अजीब सा रिश्ता था, जो शब्दों में बयान नहीं हो सकता था।

टिप्पणी देखें ( 0 )

The Magic Mindset : How to Find Your Happy Place

अपना ईमेल पता दर्ज करें - हर हफ्ते हम आपको दिलचस्प लेख भेजेंगे!

Women In Corporate Allies 2020

All Categories