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परवाह है मुझे सबकी, सबके सपनों के संग संग एक कदम अपने सपनों की ओर भी बढ़ाती हूँ, बेचारी नहीं हूँ, अब न मैं अबला हूँ, मैं आज की वुमनिया हूँ!
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