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अपने सवालों का जवाब आज मुझे मिल गया था…

"फिर और कुछ देखने और पढ़ने का मन नहीं किया। हाँ एक सवाल जो अक्सर मेरा पीछा किया करता है, आज मुझे उसका उत्तर मिल गया था..."

“फिर और कुछ देखने और पढ़ने का मन नहीं किया। हाँ एक सवाल जो अक्सर मेरा पीछा किया करता है, आज मुझे उसका उत्तर मिल गया था…”

बहुत दिनों से परेशान थी कि कहीं से मुझे पिछले दो सालों की स्कूल मैगज़ीन मिल जाये। आज जब घर वापस आई तो अमृतांश ने बताया कि अयान मैगज़ीन ले आया।

जैसे ही मैगज़ीन मेरे हाथ मे आईं, सबसे पहले मैंने अपनी क्लास फ़ोटो देखी। अपने सीनियर्स के लेख पढ़ कर मैं सोच रही थी कभी भविष्य में मेरा भी आर्टिकल पब्लिश होगा अपनी स्कुल मैगज़ीन में। मैं भी कभी उस मुकाम तक पहुँचूँगी।

अब सपनों पर क्यों रोक लगे? सपने मेरे को शिक्षा तो देते लेकिन मन की रोज परीक्षा लेते।

फिर क्या था दोनों मैगज़ीन्स को सरसरी तौर पर देखने लगी। समय तो बहुत था पर लग रहा था लेकिन ये भी हो रहा था कि सारी फोटो और सारे आर्टिकल्स को जितना जल्दी हो सके देख लूँ।

आखिर, पूरे दो साल बाद मुझे वो चीज़ मिली है जिसका मुझे हमेशा इंतजार रहता था। मैं तेजी से पन्ने पलटती जा रही थी तभी एक पन्ने पर मेरी नज़र रुक गयी!

“इन लविंग मेमोरी ऑफ़ हर्षिता सिंह!”

ऐसा कैसे हो सकता है?

शायद एक ही दो बार बात हुई है मेरी हर्षिता से, लेकिन हाँ जब मुझे और सब को उसकी बीमारी के बारे में पता चला तो हम सबने उसके लिए प्रथनाएँ भी की थीं।

स्कूल छोड़ने के बाद दो सालों में मैं किसी से नहीं मिली और न ही किसी से बात की जो मुझे कुछ पता चल पाता। मैं निःशब्द थी, बिल्कुल शांत!

फिर और कुछ देखने और पढ़ने का मन नहीं किया। हाँ एक सवाल जो अक्सर मेरा पीछा किया करता है, आज मुझे उसका उत्तर मिल गया था –

“कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।”

मैं सोच रही थी कितनी महान थी ना हर्षिता! उसको पता था उसको कैंसर है फिर भी बीमार पड़ने के बाद एक-दो बार वो स्कूल आई। और मैंने देखा वो सबसे हँसते हुए बिल्कुल अच्छे से बात करती थी।

न जाने कितने सपने, कुछ अधूरे तो कुछ पूरे, न जाने कितनी यादें और कितनी उम्मीदे छोड़ गई है वो अपने पीछे।

अभी-अभी तो वो छोटी सी, नटखट, ना-समझ हर्षिता थोड़ी समझदार हुई थी!

अभी-अभी तो माँ को हर्षिता में अपनी परछाई नजर आई थी!

अभी-अभी तो पापा की गुड़िया थोड़ी बड़ी हो पाई थी!

अभी तो उसने सपने देखना शुरू किए थे!

फिर क्यों चली गई वो सबसे दूर, सबको छोड़कर?

क्यूँ उसकी आँखों ने और सपने देखने के लिए मना कर दिया?

क्यों सिर्फ अच्छे लोगों को भगवान अपने पास जल्दी बुला लेते हैं?

क्यों उन्हें सबसे दूर कर देते हैं?

मेरे प्रश्नों का उत्तर तो मुझे मिल गया, पर शायद इन प्रश्नों का उत्तर किसी के पास नहीं है।

इमेज सोर्स: Still from Short Film What’S Next/Pocket Films, YouTube

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