कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं?  जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!

गुजरात की इन महिलाओं ने कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ा दीं!

गुजरात की यह महिलाओं की कोरों की गाइडलाइन तोड़ ती हुई यह लंबी क़तार, जिसमें ना जाने कितने ही संक्रमण का शिकार हो गए होंगे।

गुजरात की यह महिलाओं की कोरों की गाइडलाइन तोड़ ती हुई यह लंबी क़तार, जिसमें ना जाने कितने ही संक्रमण का शिकार हो गए होंगे।

अब ये मत कहिएगा कि महिला होकर महिलाओं की निंदा कर रही है, ऐसा है, वैसा है। जब हम बराबरी की पैरवी करते हैं तो महिला-पुरुष सब मेरे लिए एक समान है और किसी की गलत बात को गलत ही कहा जाएगा।

हाल ही में एक वीडियो देखी तो देखकर बहुत गुस्सा आया। कोरोना की महामारी में जिस वक्त लोग ऑक्सीज़न की किल्लत से लड़ रहे हैं, जब लोगों को अपने अपनों की चिता के लिए ना जगह मिल रही है ना ही लकड़ियाँ। जब देश के कई जागरूक लोग, प्रशासन, डॉक्टर्स और हमारे सभी कोरोना योद्धा दिन-रात ये कोशिश करने में जुटे हुए हैं कि कब हमें इस महामारी से मुक्ति मिलेगी। उस वक्त ऐसा वाक्या देखकर गुस्सा आएगा ही।

अगर आपको नहीं आया तो आना चाहिए। गुजरात की यह वीडियो गुस्सा दिलाने वाली और डराने वाली है। आप भी देखिए।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो आप आसानी से देख सकते हैं।

जिस वक्त राज्यों में कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाकर कोरोना को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे वक्त में गुजरात के सानंद ज़िले में नयापुरा गांव में बालियादेव मंदिर में प्रार्थना के लिए एक नहीं, दो नहीं, बल्कि सैंकड़ों महिलाएं इकट्ठी हुईं।

सर पर मटकी रखे इन सैंकड़ों महिलाओं को ध्यान से देखेंगे तो इनमें से अधिकतर ने तो मास्क भी नहीं पहने हैं। आख़िर ये कैसी श्रद्धा और अंधभक्ति है जो देश में आई महामारी को ना देख पा रही हैं, ना समझ पा रही हैं।

कण-कण में भगवान है तो ऐसी स्थिति में घर में रहकर ही पूजा क्यों नहीं की जा सकती है?

क्या आपका भगवान पूजा नहीं करने के लिए आपको दंडित करेगा? या नर सेवा नारायण सेवा का पाठ पढ़ाने वाला भगवान आपसे ये कहेगा कि जा बाहर जा और इस बीमारी को और फैला ताकि कई और जानें चली जाएं।

क्या इतनी महिलाओं और आसपास के किसी व्यक्ति में इतनी भी समझ नहीं थी कि ऐसा होने से रोक सकता। इन महिलाओं की लंबी कतारों से ना जाने कितने ही संक्रमण का शिकार हो गए होंगे। कहाँ था प्रशासन और कहाँ था इस गांव का पंच परमेश्वर जिसने ऐसा होने दिया?

सबके सामने कोरोना की सख्त गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही है और वो भी एक ऐसे राज्य में जो देश में कोरोना मरीज़ों के मामले में टॉप पायदान पर है।

ये तो एक ही वाक्या था, आए दिन हमारे देश में ऐसी ही ना जाने कितनी घटनाएं हो रही है जो नहीं होनी चाहिए। महामारी में चुनाव और कुंभ को भी रोका जा सकता था लेकिन नहीं। क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में से कुछ लाख जानें चली भी जाएं तो किसी को क्या फर्क पड़ता है।

हां, मैंने कहा सबसे अधिक आबादी वाला क्योंकि हमारी 2011 की जनगणना के बाद अब तक हमने चीन को तो पीछे छोड़ ही दिया होगा।

कोरोना नियमों का उल्लंघन करके हम खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं और हमें अभी अक्ल नहीं आई तो जान से हाथ धो बैठेंगे। आपकी शरीर कोरोना वॉयरस का कैरियर है इसलिए जब तक हर कोई इससे मुक्त नहीं हो जाता तब तक ये वायरस नए शरीर में नया घर बनाता रहेगा।

2020 से लेकर अब तक हम बहुत बर्बादी, आंसू और मौत देख चुके हैं, बस अब और नहीं! अब अगर आपकी जान जाती है तो इसके लिए कोई और नहीं आप ख़ुद ज़िम्मेदार हैं।

मूल चित्र: Via Twitter

About the Author

133 Posts | 485,889 Views
All Categories