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आम की टोकरी लिए छः साल की ‘छोकरी’ विवादों में क्यों?

आम की टोकरी लिए छः साल की छोकरी आजकल विवादों से घिरी हुई है। जी हां मैं बात कर रही कक्षा एक में शामिल कविता "आम की टोकरी" की।

आम की टोकरी लिए छः साल की छोकरी आजकल विवादों से घिरी हुई है। जी हां मैं बात कर रही कक्षा एक में शामिल कविता “आम की टोकरी” की।

आम की टोकरी लिए छः साल की छोकरी आजकल विवादों से घिरी हुई है। जी हां मैं बात कर रही कक्षा एक में शामिल कविता “आम की टोकरी” की।

मामला ये है कि इस कविता की भाषा को अधिकांश लोग अश्लील मान रहे। साथ ही इस कविता को पाठ्यक्रम से हटाने की मांग भी उग्र हो गई है। लोगों का कहना है कि कविता बच्चों पर मनौवैज्ञानिक रूप से गलत प्रभाव डालेगी।

अब ज़रा इस कविता की जर्नी मतलब कब से पाठ्यक्रम में शामिल है पर नज़र डालते हैं और विवाद क्यूं है…

जिस कविता पर विवाद चल रहा वह २००६ से पाठ्यक्रम में शामिल है। जिसे रामकृष्ण शर्मा खद्दर ने लिखी है। यह कविता राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् द्वारा तैयार की गई किताब रिमझिम 1 का हिस्सा है और यह कविता पाठ 3 के क्रम में बच्चे पढ़ रहे हैं।

आम की टोकरी कविता के शब्दों पर विवाद

इस कविता के शब्दों पर खास तौर से विवाद उपजा है। इस कविता के कुछ शब्दों जैसे “छः साल की छोकरी” और भी अन्य शब्दों का प्रयोग “हमें चूसना आम है” को लेकर कहा गया कि इस कविता में अश्लील शब्दों का प्रयोग किया गया है।

तर्क-वितर्क आम की टोकरी कविता पर

इस कविता पर सभी के अपने मत हैं। किसी आलोचक का मानना है कि यह लड़का और लड़की में समता का भाव उत्पन्न नहीं कराती। साथ ही एक लड़की की नकारात्मक छवि बच्चों के दिमाग में जाती है। यह भी कहा जा रहा था कि इस कविता में छह साल की बच्ची से आम बिकवा कर बाल मजदूरी को प्रदर्शित किया जा रहा है।

क्या ये लोगों के अपने बनाए हुए नजरिए हैं?

कुछ सोशल मीडिया में लोगों का कहना है कि ये लोगों के अपने बनाए हुए नजरिए हैं।

यदि गलत बातों को मन में ना लाकर पढ़ा जाए इस कविता को तो इसमें किसी भी प्रकार की अश्लीलता नहीं है। साथ ही बच्चे इस उम्र में अश्लील शब्दों को नहीं समझते। ये हमारे दिमाग की उपज है। इसलिए बच्चों को ये दिमाग देना ग़लत है।

कई लोगों मानते हैं कि ये कविता बच्चों के ऊपर छोड़ देनी चाहिए। अगर उनको कुछ ग़लत लगेगा तो वह स्वयं ही इसे नापसंद करेंगे।

जितने लोग उतनी बातें कविता के भाव को लेकर।

बवाल का सही कारण क्या है?

बवाल का सही कारण समझ नहीं आ रहा। ये कविता आज से नहीं काफी साल से है पाठ्यक्रम में। फिर क्यूं इतने साल बाद इस कविता पर बवाल उठा। कुछ जानकारों का मानना है कि २०२० की नई शिक्षानीति के तहत किताबों में बड़े बदलाव किए जाने हैं। ऐसे में इस तरह की बातों को जबरदस्ती बढ़ावा दिया जा रहा। जिससे बदलाव को सही ठहराया जा सके।

पर अगर नकारात्मक बातों को ना तूल दिया जाए। तो देखेंगे कि हिंदी साहित्य और भाषा में हर शब्द के कई अर्थ निकलते हैं। तो क्या ये सिर्फ भेड़चाल में उपजा अनावश्यक बवाल है। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

मूल चित्र : NCERT Kids Tutorial, YouTube

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