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महिलाओं में एडीएचडी: ये आपके आसपास ही रहता है

दूसरों की बातचीत के बीच में बोलना, कोई सामान कहीं रखकर भूल जाना, ये वयस्क महिलाओं में एडीएचडी के लक्षण हो सकते हैं। 

दूसरों की बातचीत के बीच में बोलना, कोई सामान कहीं रखकर भूल जाना, ये वयस्क महिलाओं में एडीएचडी के लक्षण हो सकते हैं। 

भारत में कई ऐसी मानसिक विकार हैं जिनके बारे में हम बिलकुल जागरूक नहीं है। हम इन्हें बुरी तरह अनदेखा कर देते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में डिप्रेशन जैसी बीमारी पर थोड़ी जागरूकता बढ़ी है लेकिन अभी भी ऐसी कई मानसिक समस्याएं है जिनसे हम अनजान हैं। हो सकता है हममें से बहुत से लोग कई ऐसी मानसिक समस्याओं से जूझ भी रहे हों लेकिन अज्ञानता के कारण हम इन्हें वक्त पर ठीक नहीं कर पाते।

हमारी कई एक्टिविटीज़ को तो हम अपने स्वभाव का हिस्सा मान लेते हैं। जैसे हड़बड़ी में रहना, तेज़ी से बात करना, कभी-कभी परेशान हो जाना, छोटी-छोटी बात पर चिढ़ जाना।

हां, ये सही है कि सभी का अपना-अपना स्वभाव और परिस्थितियों को संभालने का अपना तरीक़ा होता है लेकिन अगर ये स्वभाव आपकी समस्याओं को बढ़ाता है तो इस पर बात करना ज़रूरी है।

एक ऐसी ही मानसिक समस्या है एडीएचडी यानी ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार (ADHD- Attention deficit hyperactivity disorder) जिसके बारे में मैं भी तब तक नहीं जानती थी जब तक मेरी सहेली ने अपने अनुभव के बारे में नहीं बताया।

वयस्क महिलाओं में एडीएचडी 

मेरी सहेली ने कुछ निजी कारणों से नौकरी छोड़ दी जिसके बाद वो घर से ही फ्रीलांस कटेंट राइटिंग का काम करती है।

कई सालों की नौकरी छोड़ने के बाद उसे समय मिला कि वो अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे सके क्योंकि दौड़-भाग में हम अक्सर ख़ुद पर ध्यान देना भूल जाते हैं।

वो जब वर्क फ्रॉम होम करने लगी तो कई बार उसने यह अनुभव किया कि वो 20 मिनट से ज़्यादा नहीं बैठ पाती। उसे 20 मिनट के बाद 5 मिनट का ब्रेक चाहिए ही होता है। उसकी एकाग्रता इतनी कच्ची होती जा रही थी कि इसके कारण उसका काम प्रभावित होता था।

मुझसे बात करते हुए उसने बताया कि नौकरी के दिनों में भी उसके साथ ऐसा होता था लेकिन इस बारे में विचार करने का कभी वक्त ही नहीं मिला। एक छोटा सा आर्टिकल लिखने के लिए भी उसे कम से कम 3-4 बार उठना पड़ता था।

कुर्सी पर लगातार बैठे-बैठे उसे बहुत बेचैनी होती थी। कई बार उसके सीनियर भी परेशान हो जाते थे क्योंकि वह अपना काम डेडलाइन पर नहीं कर पाती थी। नौकरी छोड़ने के बाद उसने जब इस समस्या को महसूस किया तो मेडिटेशन और एक्सरसाइज़ करना शुरू किया।

अभी उसकी एकाग्रता पहले से ज़्यादा बढ़ गई है लेकिन फिर भी वह 40 मिनट से ज़्यादा नहीं बैठ पाती। आख़िरकार उसने कांउसलर से मिलने का मन बनाया है ताकि वो इस समस्या से सही कर सके।

महिलाओं में एडीएचडी के लक्षण 

  • आसानी से ध्यान भटक जाना
  • जल्दी ऊब जाना
  • दूसरों की बातचीत में बीच में बोलना
  • कोई सामान कहीं रखकर भूल जाना
  • घबराहट या बेचैनी होना
  • लगातार बात करते रहना
  • हाइपर एक्टिव होना
  • मूड स्विंग्स
  • जल्दबाज़ी में फ़ैसले लेना
  • धैर्य ना होना, वगैरह।

एडीएचडी के तीन उप-प्रकार हैं 

  • अतिसक्रिय(hyperactive) – ज़्यादा लापरवाही नहीं दिखाते
  • लापरवाह(inattentive) – ज़्यादा अतिसक्रिय व्यवहार नहीं 
  • मिश्रित – जो लापरवाह और अतिसक्रिय  लक्षणों को ही दर्शाता है)।

महिलाओं में ज़्यादातर लापरवाह या असावधान एडीएचडी (inattentive ADHD) के लक्षण पाए जाते हैं जिसके कारण ध्यान केंद्रित करना, ऑर्गेनाइज़ रहना, किसी की बात ध्यान से सुनना और चीजों को याद रखना मुश्किल हो जाता है।

क्योंकि महिलाएं पूरे घर-परिवार का ख़्याल रखती हैं इसलिए किसी एडीएचडी से प्रभावित महिला के लिए यह भूमिका निभाना और भी कठिन हो जाता है।

एडीएचडी महिला के लिए यह सफ़र और भी मुश्किल

आमतौर भी महिलाओं के स्वास्थ्य की तरफ़ घरवालों का रवैया को थका हुआ होता ही है, महिलाएं भी कई बार ख़ुद को अनदेखा कर देती है।

सबसे पहले इसी रवैये को बदलना होगा। एक महिला के लिए यह सफ़र और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह दूसरों के पीछे अपनी ज़िंदगी को भी ऑर्गेनाइज़ नहीं कर पाती और हो सकता है कई साल बाद जब उसे डायगनोस किया जाए तो वो डिप्रेशन या एडीएचडी की शिकार निकले।

एडीएचडी के कारण कई 

वैसे तो एडीएचडी के मुख्य कारण इस उम्र में तनाव और स्ट्रेस होते हैं लेकिन ADHD के अन्य कारणों की बात करें तो ये हॉर्मोनल, हैरिडिटरी, एल्कोहल का अत्यधिक सेवन और आपके गलत खाने-पीने की आदतों से हो सकता है।

वैसे तो एडीएचडी की दवा भी आती है लेकिन ज़्यादातर स्पेशलिस्ट आपको यही सलाह देंगे कि आप दवा की बजाए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं।

यदि आपको लगता है कि आपको एडीएचडी हो सकता है तो एक बार डॉक्टर से मिलने में क्या परेशानी है? कम से कम आपको पता तो चल जाएगा। आप समस्या हुई तो समय पर इलाज हो जाएगा और नहीं हुई तो और भी अच्छा।

अधिक जानकारी आप ये ब्लॉग चेक कर सकते हैं 

डिस्क्लेमर : यहां दी गयी जानकारी को एक्सपर्ट राय न समझें। अपने स्पेशलिस्ट की राय लेना कभी न भूलें। 

मूल चित्र : Still from Nijo Jonson Dominance series, YouTube

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