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ज़िंदगी का सार समेटे हुए है ‘ज़िंदगी इन शॉर्ट’ इन 7 कहानियों में

हर किसी की ज़िंदगी में खट्टे-मीठे पल आते हैं, ज़िंदगी इन शॉर्ट की इन सात कहानियों ने रोजमर्रा की जिंदगी से कुछ ऐसे ही पलों को चुना है। 

हर किसी की ज़िंदगी में खट्टे-मीठे पल आते हैं, ज़िंदगी इन शॉर्ट की इन सात कहानियों ने रोजमर्रा की जिंदगी से कुछ ऐसे ही पलों को चुना है। 

सिख्या एंटरटेनमेंट और एकेडमी अवॉर्ड विनर गुनीत मोंगा और अचिन जैन नेटफ्लिक्स पर ज़िंदगी इन शॉर्ट के ज़रिये आपके लिए 7 कहानियां लेकर आए हैं जो स्ट्रॉग फीमेल कैरेक्टर्स के ईद-गिर्द घूमती हैं। 11 से 22 मिनट की ये कहानियां अलग उम्र और अनुभव की औरतों की कहानी है।

ज़िंदगी इन शॉर्ट में कहीं उलझी हुई शादी है, कहीं डिजिटल रोमांस, कहीं सबका ख़्याल रखने वाली होममेकर है तो कहीं अपने दिल की सुनने वाली पत्नी। दमदार किरदारों और कहानियों के साथ इन शॉर्ट फिल्मों का गुलदस्ता बुना गया है जिसके हर फूल की अपनी अलग महक है।

पिन्नी

नीना गुप्ता की ये कहानी आपको हर दूसरे घर में मिल जाएगी जहां पूरे घर का ख्याल रखने वाली औरत का ख्याल किसी को नहीं है। ये एक होममेकर की कहानी है जिसका पति अपने ऑफिस में और बेटी अपने परिवार के साथ व्यस्त है। घरवालों और परिवार को सुधा का ख्याल बस तभी आता है जब किसी को पिन्नी चाहिए होती है।

पिन्नी सुधा की सिग्नेचर डिश है। दूसरों की ज़रूरतें पूरा करने में सुधा इतनी खोई है कि ख़ुद खो गई है लेकिन अपने जन्मदिन वाले दिन सुधा का नया जन्म होता है।

ये कहानी देखकर मुझे मेरी मम्मी की याद आ गई जो हमारे लिए सब करती हैं लेकिन अक्सर हम उनसे पूछना भूल जाते हैं कि उन्हें क्या पसंद है। इस फिल्म की सीख है ‘ज़िंदगी की मिठास ख़ुद से ही तो है’। फिल्म की राइटर ताहिरा कश्यप ने इस फिल्म के ज़रिए बड़े ही सिंपल और स्वीट अंदाज में अपनी बात कही है।

स्लिपिंग पार्टनर

ये कहानी उस औरत की है जो बिना प्यार और बिना सम्मान के सालों से चली आ रही शादी से बाहर निकलना चाहती है। उसकी ज़िंदगी में कुछ ऐसी घटना होती है जो उसे इस बात का एहसास दिलाती है कि उसके ज़िंदगी का नियंत्रण उसके पति नहीं बल्कि उसके ख़ुद के हाथ में है।डायरेक्टर पुनर्वासु नाइक की ये फिल्म घरेलू हिंसा और मैरिटियल रेप के दो गंभीर मुद्दों को उठाती है।

फिल्म की मुख्य अभिनेत्री हैं दिव्या दत्ता ने बेहद बखूबी से एक औरत की दो भूमिका को निभाया है। एक वो बीना है जिसका पति हमेशा उसका अपमान करता है और उसे छूने लायक भी नहीं समझता और दूसरी बीना वो है जो रवीश के साथ अपने सोए हुए एहसास को जी रही है।

लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद बीना उन्हें उनकी असली जगह का एहसास दिला देती है।

सन्नी साइड अप

संगीता मॉल ने अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ की कशमकश में फंसी एक औरत की कहानी लिखी है। नायिका रीमा कल्लींगल बनी हैं डॉक्टर काव्या जो कैंसर हॉस्पिटल में काम करती है और उसे अपने मरीज़ों के अलावा कुछ नहीं दिखता। काव्या और विशाल रिश्ते में हैं लेकिन काव्या शादी के लिए तैयार नहीं है। काम में खोई काव्या प्यार और रिश्तों को अनदेखा करती जा रही है।

लेकिन हर किसी की ज़िंदगी में ऐसा वक्त आता है जब उन्हें सही या ग़लत का एहसास होता है। काव्या की ज़िन्दगी में भी कुछ ऐसा घटता है जिसके बाद उसका ज़िन्दगी की जीने का नजरिया ही बदल जाता है।

चौथी कहानी ‘नेनौ सो फोबिया’

हर किसी को जिंदगी में किसी ना किसी चीज का डर होता है लेकिन जब वो डर आपकी जिंदगी को कंट्रोल करने लगता है तो असलियत और सपने में फर्क समझ नहीं आता।

मिसेज बलसरा (स्वरूप संपत) एक पारसी औरत के किरदार में हैं जो डायमेंशिया की मरीज हैं। वो अकेली रहती हैं और उनकी इकलौती बेटी मेरू बॉस्टन में रहती है। एक दिन वो टीवी देखते हुए डर जाती हैं जब उन्हें लगता है कि जो स्क्रीन पर हो रहा है वो उनके साथ असली में घट रहा है।

डायरेक्टर राकेश सैन और लेखक योगेश चांदेकर ने उम्मीद की कहानी गढ़ी है। ये कहानी दर्शकों को आखिर में उम्मीद देती है जब एक बूढ़ी औरत खुद के पुराने दिनों को याद करती हुई नजर आती है।

छज्जू के दही-भल्ले

ये कहानी है प्यार की जहां मनजोत सिंह की मुलाकात डेटिंग साइट पर मुस्लिम लडकी अमरीन मिर्जा से होती है। अमरीक को म्यूजिक से प्यार है और अमरीन कॉलेज स्टूडेंट है। दोनों को चैटिंग करते-करते इस बात का एहसास होता है कि उन दोनों में बहुत सी कॉमन बाते हैं।

कई दिनों की ऑनलाइन बातचीत के बाद आखिरकार वो मिलने का फैसला करते हैं। दोनों एक बात तब तक नहीं जानते जब तक वो छज्जू के दही-भल्लों की दुकान पर नहीं पहुंचते। सरहद पार प्यार की ये हल्की-फुल्की कहानी बड़ी प्यारी है जो इस बात का एहसास दिलाती है कि दोनों तरफ़ प्यार तो एक ही जैसा है बस देश बांट दिए गए हैं।

थप्पड़

कहानी शुरू होती है जब बच्चे का टिफिन फिर से कोई खा लेता है और बहन पूछती है कि तुम शिकायत क्यों नहीं करते। वो कॉमिक्स पढ़ने का शौकीन है जिसमें एक सुपरहीरो होता है जो सबको बचाता है।

बच्चा चुपके-चुपके फाइट करना सीखता है क्योंकि वो अपनी बड़ी बहन को बुलीज़ से बचाना चाहता है। भाई-बहन का रिश्ते की ये कहानी 10 साल के बच्चे है जो अपनी बहन को गलत लोगों के ख़िलाफ़ लड़ना सिखाना चाहता है।

स्वाहा

ये कहानी एक शादीशुदा कपल की कहानी है जो 7 साल से एक साथ हैं और 3 बच्चे हैं। छोटे भाई की सगाई पार्टी में पति को अपनी पत्नी के अफेयर के बारे में पता चलता है जिसपर उसे विश्वास नहीं होता। डांस करते हुए पत्नी अपने पति को बताती है कि वो उससे ख़ुश नहीं थी इसलिए ऐसा किया।

सीरियस सी लगने वाली इस कहानी में कॉमेडी का तड़का लगाया गया है। ‘थोड़ी लविंग पर काफी सिक्रेटिव’ के साथ इस कहानी में दिखाया गया है कि कैसे शादी-शुदा रिश्ते में ऐसी कई बातें होती है जिनका एहसास उन्हें साथ रहकर भी नहीं होता।

हर किसी की ज़िंदगी में खट्टे-मीठे पल आते हैं। ज़िंदगी इन शार्ट की इन सात कहानियों ने रोजमर्रा की जिंदगी से कुछ ऐसे ही पलों को चुना है।

मूल चित्र : Screenshots from the film trailer, YouTube 

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