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तुम मेरे मम्मी-पापा को अपना क्यों नहीं मानते हो? 

"तुम परेशान ना हो, पर पहले मम्मी-पापा से तो पूछ लो और तुम्हें तो पता है ना कि आज बड़ी दीदी और जीजा जी पूरे परिवार के साथ आने वाले हैं?"

“तुम परेशान ना हो, पर पहले मम्मी-पापा से तो पूछ लो और तुम्हें तो पता है ना कि आज बड़ी दीदी और जीजा जी पूरे परिवार के साथ आने वाले हैं?”

मेघा सुबह सोकर उठते ही सबसे पहले अपने मम्मी-पापा को फोन की, क्योंकि दो महीने पहले जब मेघा की शादी मोहित से हुई थी, तब से मेघा की आदत थी, सुबह सोकर उठने पर सबसे पहले अपने मम्मी-पापा को फोन करने की। मेघा अपने मां बाप की इकलौती संतान थी। उसकी शादी के बाद उसके मम्मी-पापा अकेले हो गए थे, इसलिए उसे अपनी मम्मी-पापा की चिंता लगी रहती थी।

मेघा के फोन करने पर उसके पापा ने फोन उठाया, और बोले, “बेटा मैं और मम्मी ठीक हैं। तुम कैसी हो?”

पर मेघा को अपने पापा की आवाज से लगा कि पापा बहुत थके और दुखी लग रहे हैं। मेघा ने जब यह बात अपने पापा से कही, तब पापा ने कहा, “ऐसा कुछ नहीं है।”

मेघा के बार बार पूछने पर आखिर उन्होंने बताया,  “रात में तुम्हारी मम्मी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। डॉक्टर को बुलाना पड़ा था। पर तुम परेशान ना हो अभी तुम्हारी मम्मी ठीक हैं और सो रही हैं। जब सोकर जागेंगी, तब मैं तुम्हारी बात करा दूंगा।”

मां के बीमार होने की बात सुनकर मेघा के आंखों में आंसू आ गये। उसने पापा से कहा, “पापा आपने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? आखिर मैं इसी शहर में रहती हूं, तुरंत आ जाती। ठीक है मैं फोन रखती हूं, और अभी मोहित के साथ थोड़ी देर में आ रही हूं।”

पापा ने समझाते हुए कहा, “बेटा परेशान ना हो, मम्मी ठीक हैं। सुबह-सुबह सब को परेशान ना करो, शाम तक मोहित के साथ आकर मम्मी से मिल जाना।”  पर मेघा ने पापा का फोन काट दिया था।

मेघा फोन रखते ही मोहित को जगाने लगी। वह मोहित से बोली, “मोहित जल्दी उठो, मुझे अपने घर जाना है।” मम्मी की तबीयत रात में बहुत खराब हो गई थी। अभी पापा को फोन किया था, तब पापा ने बहुत पूछने पर बताया।”

यह सुनकर मोहित जग गया था। मेघा ने कहा, “मैं नहा कर आती हूं, उसके बाद तुम भी फ्रेश होकर तैयार हो जाओ। हमें जल्दी निकलना है।” यह कहकर मेघा जल्दी से बाथरूम में चली गई।  पर मोहित कुछ सोचते हुए वैसे ही बैठा रहा।

जब मेघा बाथरूम से बाहर आई, तो देखा मोहित वैसे ही बेड पर बैठा हुआ है। मेघा ने कहा, “मोहित तुम अभी बैठे हुए हो? उठो और जाओ तैयार हो जाओ। मुझे घर जल्दी जाना है। तुम्हारी वजह से देर हो जाएगी।”

मोहित ने कहा, “उठ रहा हूं यार। पहले यह बताओ मम्मी की तबीयत अब कैसी है?”

मेघा ने कहा, “पापा कह रहे थे अब मम्मी पहले से ठीक हैं, अभी वह सो रही थीं। पर मोहित मुझे अभी ही मम्मी के पास जाना है। मुझे उनकी बहुत चिंता हो रही है और पापा भी अकेले परेशान होंगे।”

मोहित ने कहा, “तुम परेशान ना हो, हम चलेंगे। पर पहले नीचे चलकर मम्मी-पापा से तो पूछ लो। और तुम्हें तो पता है ना कि आज बड़ी दीदी और जीजा जी पूरे परिवार के साथ आने वाले हैं?”

मेघा ने बालों में कंघी करते हुए कहा, “पहले हम तैयार हो जाते हैैं और नीचे जाकर मम्मी-पापा को बताते हुए वहीं से निकल जाएंगे। और मम्मी से कह देंगे, दीदी के ससुराल वालों को फोन करके आज के लिए माफी मांग लेंगी। हम उन्हें किसी और दिन बुला लेंगे। अभी तुम जल्दी तैयार होकर चलो। मैं बाद में खुद दीदी को फोन करके मम्मी की तबीयत के बारे में बता दूंगी और आज के लिए माफी मांग लूंगी।”

मोहित ने कहा, “पहले तुम जाकर मम्मी से पूछो, देखो मम्मी क्या कहती हैं? और अगर हम दोनों सीधे तैयार होकर नीचे जाकर मम्मी से पूछेंगे, तो कहीं उन्हें यह न लगे, कि हम उनसे केवल फॉर्मेलिटी के लिए पूछ रहे हैं। मेघा, मुझे यह भी डर लग रहा है कि कहीं दीदी आज आने से मना करने पर नाराज ना हो जायें। तुम्हें तो पता है दीदी इस शादी से पहले खुश नहीं थीं।

मेघा, तुम्हारी मम्मी की तबीयत अब ठीक है, इसलिए अभी रुक जाओ। शाम को जब दीदी अपने परिवार के साथ वापस चली जाएंगी, तब हम दोनों तुम्हारे घर चलेंगे और तुम मम्मी-पापा से पूछ कर कुछ दिन अपने घर रह कर वापस आना।”

उस समय मेघा अपना मोबाइल उठाकर पर्स में डाल रही थी, पर मोहित की बात सुनकर उसके हाथ रुक गये थे। उसकी आंखों में आंसू आ गये। उसने मोहित से कहा, “तुम ऐसा कैसे कह सकते हो? मेरी मम्मी की तबीयत खराब है। मैं उनसे बिना मिले नहीं रह सकती हूं। मेरा मन यहां नहीं लगेगा और मैं उनसे बहुत दूर भी नहीं रहती हूं कि पहुंच न सकूं।

मोहित तुम्हें याद है ना, जब हम हनीमून पर गए थे और उसके दूसरे दिन ही हमें यह पता चला कि तुम्हारे पापा का स्कूटर से छोटा सा एक्सीडेंट हो गया है? तब हम दोनों कितने परेशान हो गए थे।  उस समय तुम्हारे समझ में कुछ नहीं आ रहा था। बल्कि घर पर दोनों दीदी थीं और वह कह रही थीं कि पापा बिल्कुल ठीक हैं।

तब मैंने तुमसे कहा था कि गाड़ी बुक कर लो और हम चलो घर चलते हैं। अब हमारा मन यहां नहीं लगेगा, क्योंकि हमें पता नहीं है कि पापा को कितनी चोट लगी है। हो सकता है घरवाले हमारे खुशी के लिए झूठ बोल रहे हों कि पापा को थोड़ी चोट लगी है। तब तुमने मुझे थैंक्यू बोलते हुए गले लगाकर कहा था कि तुम बेस्ट लाइफ पार्टनर हो, मुझे तुम पर गर्व है। मैंने तुमसे लव मैरिज कर के गलती नहीं की है।  तब मैंने तुमसे कहा था, तुम्हारे मम्मी पापा अब मेरे भी मम्मी पापा हैं और हमारे माता-पिता हम दोनों के लिए एक समान हैं।

और आज जब मेरी मम्मी की तबीयत खराब है, उन्हें मेरी जरूरत है। मेरे सिवा मेरे मम्मी-पापा का कोई नहीं है। तुम यह जानते हो। तब भी तुम ऐसे कह रहे हो? यह बड़े दुख की बात है कि मैंने तुम्हारे मम्मी-पापा को अपना मान लिया है, पर तुम मेरे मम्मी-पापा को अपना नहीं मान सके।

तुम कहते हो, तो ठीक है। मैं शाम को चली जाऊंगी, क्योंकि अगर मेरी मम्मी-पापा को पता चलेगा, कि मैं ससुराल वालों को नाराज करके आई हूं, तब उन्हें बहुत दु:ख होगा, इसलिए मैं नीचे जा रही हूं तुम्हें और सोना है तो सो जाओ।”

जब मोहित और मेघा यह सब बात कर रहे थे, तभी मोहित की मम्मी ऊपर मोहित से कार की चाबी लेने आई थीं क्योंकि मोहित के पापा बेटी के आने की खुशी में सुबह-सुबह ही सब्जी फल मिठाईयां लेने जा रहे थे। पर जैसे ही वह दरवाजा खटखटाने वाली थी, बेटे और बहू की तेज आवाज सुनकर रुक गई थीं और उन्होंने मेघा की सारी बात सुन ली थी।

पर जब मेघा बोली कि मैं नीचे जा रही हूं तब वह जल्दी से नीचे आ गईं और मोहित के पापा से बोलीं, “मोहित अभी सो रहा है। मैंने उसे नहीं जगाया। आप स्कूटर लेकर चले जाओ।” मोहित के पापा के जाने के बाद वह वहीं ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठकर सोचने लगीं।

जब मोहित ने मेघा से शादी के बारे में उनसे कहा था, तब वह पति-पत्नी बिना किसी दिक्कत के तैयार हो गए थे, क्योंकि सभी माता-पिता की तरह वह भी अपने बच्चों की खुशी में खुश थे। और वह दोनों बच्चों के साथ वर्तमान समय के अनुसार चलना चाहते थे। मेघा और उसके परिवार से मिलने के बाद वह दोनों और भी खुश हो गए थे क्योंकि मेघा एक प्यारी और शिक्षित लड़की थी, और उसके माता-पिता भी बहुत सज्जन थे।

पर जब मोहित की दोनों बहनों को इसके बारे में पता चला था, तब वह दोनों बहुत नाराज हो गई थीं, क्योंकि वह दोनों अपने इकलौते भाई के लिए खुद लड़की देखना चाहती थी। भाई ने अपने लिए खुद ही लड़की खोज ली थी और मम्मी पापा ने भी उनसे बिना पूछे ही इस शादी के लिए हां भी कर दी थी।

मोहित के बहुत माफी मांगने और मम्मी-पापा के समझाने पर दोनों बहने मान गई थीं, पर जब ससुराल से दोनों बहने शादी पर घर आईं, तब अपने मम्मी को अक्सर समझातीं, “मम्मी, भाई तो लव मैरिज कर रहा है, इसलिए पहले से ही मेघा के कब्जे में होगा। शादी के बाद तो पूरा ही जोरू का गुलाम हो जाएगा। इसलिए तुम सास बनकर ही रहना, थोड़ा ध्यान रखना, बहुत सिर नहीं चढ़ाना। नहीं चार दिन बाद तुम्हारी और पापा की घर में कोई कदर नहीं रहेगी।”

तब मोहित की मम्मी हंस कर बोलीं, “अभी मेरी बहू आई भी नहीं है और तुम लोग उसके पीछे पड़ गई हो और अपनी मां को गलत बात सिखा रही हो? अरे पहले उसे आने तो दो और फिर मैं जैसे उसके साथ रहूंगी, उसके साथ जैसा व्यवहार करूंगी, वह भी वैसे ही मेरे साथ रहेगी।”

तब बेटियों ने कहा, “आप बहुत सीधी हो मम्मी, इसीलिए हम दोनों आपको समझा रहे हैं क्योंकि अक्सर आपके सिधाई का लोग फायदा उठा लेते हैं।”

बेटियों के बार बार कहने पर मोहित की मम्मी के मन में कहीं ना कहीं थोड़ी चिंता हो गई थी पर आज अपनी बहू की बात सुनकर और उसके कहे अंतिम शब्दों से कि “हम दोनों के माता-पिता हमारे लिए एक समान हैं”, से उनके मन की सारी चिंता खत्म हो गई थी। उनका दिल खुशी से गदगद हो गया था पर उन्हें कहीं न कहीं इस बात का दु:ख भी हो रहा था कि जो बात उनकी बहू आज कर रही थी, वह बात वह अपने तीनों बच्चों का ना सिखा पाई थी।

अभी मोहित की मम्मी यह सब सोच ही रही थी, तभी मेघा दुखी मन से आकर किचन में चाय चढ़ाने लगी‌, और वही से बोली, “मम्मी जी नाश्ते में क्या बनाऊं?”

तब वह उठकर किचन में आकर मेघा से बोली, “मेघा मुझे माफ कर देना बेटा क्योंकि मैं अभी मोहित से चाबी लेने के लिए ऊपर गई थी और तुम्हारी और मोहित की सारी बात सुन ली। बेटा तुम मोहित के साथ अपने घर जाओ। मैं और तुम्हारे पापा भी थोड़ी देर में तुम्हारे घर आते हैं और हां जब इतनी बड़ी बात हो, तो पूछने की जरूरत नहीं है। तब तुम बता कर जा सकती हो और हम बताकर भी जाने के लिए इसलिए कह रहे हैं  कि अगर हमें पता होगा कि तुम लोग कहां गए हो, तब हमें चिंता नहीं रहेगी।”

तभी मोहित भी किचन में आ गया। मोहित ने मेघा से कहा, “मेघा मुझे माफ कर दो। मुझसे गलती हो गई, पर अब दुबारा कभी यह गलती नहीं होगी। आज से तुम्हारे माता-पिता मेरे भी माता-पिता हैं। तुम सही कहती हो, हम दोनों के माता-पिता हमारे लिए एक समान हैं।

मेघा अपनी सास और मोहित की बात सुनकर रोने लगी। तब सास ने मेघा को गले लगाते हुए कहा, “बेटा मोहित को माफ कर दो, उसको अपनी गलती का एहसास हो गया है और अब तुम मोहित के साथ अपने घर जाओ। इस समय तुम्हारे मम्मी-पापा को तुम्हारी बहुत जरूरत है। और हां, तुम दोनों अपनी दीदी के नाराज होने की चिंता ना करो। मैं उसे फोन करके समझा दूंगी।”

मूल चित्र : Still from short film Dwand, YouTube

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