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सितारों की महफिल में वो चाँद मेरा गुम है…

ना हम रूठेंगे उनसे, ना वो हमें मनाएंगे। इश्क़ मेरा है यारा, भला वो क्यों निभाएंगे। ना हम जाएंगे पास, ना वो मुझे अपनाएंगे।

ना हम रूठेंगे उनसे, ना वो हमें मनाएंगे। इश्क़ मेरा है यारा, भला वो क्यों निभाएंगे। ना हम जाएंगे पास, ना वो मुझे अपनाएंगे।

ना हम रूठेंगे उनसे, ना वो हमें मनाएंगे।
इश्क़ मेरा है यारा, भला वो क्यों निभाएंगे।

ना हम जाएंगे पास, ना वो मुझे अपनाएंगे।
वो बात और है, उसके थे उसी के रह जाएंगे।

सितारों की महफिल में वो चाँद मेरा गुम है,
वो रोशन रहे मेरे खुदा, हम खुद को बुझाएंगे।

उसकी फितरत है, वो गया तो फिर लौटता नहीं,
हम आशिक ऐसे हैं यारा मोहब्बत फिर दोराहेंगे।

मूल चित्र : Srinivas JD via Unsplash 

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